गुरु सूर्य समान सभ्यता के पथप्रदर्शक- प्रान्त संघ चालक
जीवन के लिए गुरुज्ञान प्राणवायु के तरह- बिंदेश्वर
भंडरा(लोहरदगा):स्वामि करपात्री सेवासदन आश्रम में मंगलवर को वेदव्यास के जयंती, आषाढ़ पूर्णिमा के अवसर पर वैदिक विधि विधान से गुरुपूर्णिमा महोत्सव मनाया गया। सर्वप्रथम पंडित रमेश पौराणिक के अचार्यतत्व में धार्मिक अनुष्ठान के साथ रुद्राभिषेक सहित समस्त अनुष्ठान संपन्न हुआ। इसके उपरांत प्रसाद वितरण के साथ आश्रम परिवार द्वारा भंडारे का आयोजन किया गया। निर्धारित कार्यक्रम के भंडाराउपरांत मंचीय कार्यक्रम का आरम्भ दीप प्रज्ज्वलन कर मुख्य अतिथि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रान्त संघ चालक माननीय सच्चिदानंद अग्रवाल, स्वागतोअध्यक्ष बिंदेश्वर उरांव व अन्य अतिथियों द्वारा विधिवत रूप से किया गया। गुरुपूर्णिमा महोत्सव पर गुरु की महिमा पर वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किये जिसमें सर्वप्रथम आश्रम के मसमानो संचालक स्वामी कृष्ण चैतन्य ब्रह्मचारी द्वारा विषय प्रवेश व सम्मानित अतिथियों का परिचय कराया इसके साथ अतिथियों को अंगवस्त्र से समानित किया गया। कार्यक्रम के अध्यक्ष लाल त्रिलोकनाथ शाहदेव ने आधुनिकता के दौड़ में गुरु के महत्त्व को बताया। स्वागतोअध्यक्ष सेवन स्टार्स एकेडेमी संस्थान के निदेशक बिंदेश्वर उरांव ने अपने गुरु बिना जीवन का उत्थान सम्भव नहीं है। जीवन के लिए गुरुज्ञान प्राणवायु के तरह है।आज भी और हर काल में गुरु प्रासंगिक रहेंगे। मुख्य अतिथि प्रान्त संघ चालक सच्चिदानंद अग्रवाल ने अपने संबोधन में वेदव्यास जयंती पर प्रकाश डाला, बोलते हुए कहा,आदिगुरु महाभारत के रचयिता और चार वेदों के व्याख्याता महर्षि कृष्ण द्वैपायन व्यास,महर्षि वेदव्यास का जन्म हुआ था। संसार में गुरु ना होते तो सभ्यता अज्ञानता के अंधकार में डूबी होती। गुरु सूर्य समान सभ्यता के पथप्रदर्शक रहे हैं जिनके महत्त्व व उयोगिता का वर्णन शब्दों में कभी नहीं रेखांकित किया जा सकता। कार्यक्रम का संचालन नारायण कुमार ने किया। इस अवसर ओर बारह घण्टे का अखंड हरिकीर्तन आश्रम में किया गया।
इनकी रही उपस्थिति:
प्रान्त संघ चालक सच्चिदानंद अग्रवाल,सेवन स्टार्स एकेडेमी संस्थान के निदेशक बिंदेश्वर उरांव, कला संस्कृति मंच के धन्नजय तिवारी, आश्रम संचालक स्वामी कृष्ण चैतन्य ब्रह्मचारी,लाल त्रिलोकनाथ शाहदेव,हरि पहान, लाल लव किशोर नाथ शाहदेव,नंदन कुमार,प्रमोद उरांव, रोहित खलखो, डॉ आर के सिंह के साथ मसमानो,बेदाल,बरही,ईटा,सिठियो,भंडरा,चट्टी,पंडरानी,घाटा, गागिया जैसे दर्जनों गांवों के भक्तगण उपस्थित हुए।