रांची: झारखण्ड राज्य सरकारी मोटर यान चालक संघ के तत्वाधान में वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, झारखण्ड सरकार के मुख्यालय, प्रक्षेत्रों एवं संलग्न कार्यालयों के लगभग 700 दैनिक वेतनभोगी कर्मचारीगणों ने 22 मार्च से अपनी मांगों को लेकर वनभवन मुख्य परिसर में आमरण अनशन आंरभ कर दिया है। आज उनका हौसला बढ़ाने के लिए भारतीय जनतंत्र मोर्चा के अध्यक्ष धर्मेंन्द्र तिवारी ने उन सभी कर्मचारीगणों से धरनास्थल पर भेंट कर उनकी समस्याओं को जाना। इस पर धर्मेंन्द्र तिवारी ने कहा कि आपकी सभी जायज माँगों को मैं अपने स्तर से वन विभाग के सचिव एवं राज्य सरकार के वरीय पदाधिकारियों तक पहुंचाते हुए उन समस्याओं का निराकरण हेतु हरसंभव प्रयास करूँगा। उन्होंने कहा कि हड़ताली कर्मचारियों के साथ किसी भी कीमत पर अन्याय नहीं होने दिया जायेगा। अपने जीवनकाल का महत्वपूर्ण 20-25 वर्ष विभाग में सेवा देने के बाद भी कर्मचारियों को हटा कर आउटसोर्सिंग के माध्यम से सेवा लेने का तुगलकी फरमान जारी करना, उन्हें दूध में पड़ी मक्खी को निकाल फेंकने के समान है।
श्री तिवारी ने कहा कि दशकों तक वन विभाग में निरंतर सेवा देने वाले दैनिक अल्प वेतनभोगी कर्मचारियों की सेवा नियमित करने के स्थान पर उन्हें हटाकर आउटसोर्सिंग के माध्यम से कर्मचारी की नियुक्ति करना कहीं से भी न्यायसंगत नहीं है और यह मानवाधिकार का स्पष्ट उल्लंघन भी है। साथ ही उन्होंने राज्य सरकार से माँग की है कि आउटसोर्सिंग प्रक्रिया अविलम्ब रद्द कर कार्यरत कर्मचारियों को यथावत काम पर रखते हुए उनकी स्थाई नियुक्ति के लिये सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए साथ ही उन्हें नियमित रूप से ससमय वेतनादि भी मिले इस ओर भी सरकार को समुचित ध्यान देना चाहिए।