गुमला। टीबी जोन के तौर पर चिन्हित गुमला जिले को टीबी मुक्त करने को स्वास्थ्य विभाग ने कमर कस ली है। लक्ष्य के अनुरूप शत प्रतिशत टीबी मरीजों की पहचान व उनके कारगर उपचार के वास्ते जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ केके मिश्रा ने विभिन्न प्रखंडों व सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में मिशन मोड में कार्य किए जाने पर जोर दिया है। साथ ही तय समयसीमा के भीतर लक्षित समूह तक पहुँच सुनिश्चित कर सभी मरीजों की पहचान व उपचार की व्यापक कार्य योजना के तहत कार्य का निर्देश दिया है।
योजना के अनुरूप कार्य को गति दिए जाने के वास्ते जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ मिश्रा ने तकनीकी टीम के साथ शनिवार को पालकोट, बसिया व कामडारा प्रखण्ड का सघन दौरा किया। इस दौरान डॉ मिश्रा ने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी व प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक से अभियान का प्रगति रिपोर्ट तलब किया। वहीं लेखा प्रबंधक, सीएचओ, लैब टेक्नीशियन, बीटीटी तथा सहिया के समक्ष उत्पन्न कठिनाईयों से भी अवगत हुए। मौके पर तकनीकी टीम में शामिल एनटीईपी गुमला के मुकेश कुमार सिंह, उदय ओहदार, पवन कुमार, मो एहसान अहमद, राजेश उराँव, अलेक्सियूस एक्का, अमित प्रसाद एवं नारायण प्रसाद द्वारा उपस्थित कर्मियों को कार्य योजना, विभिन्न प्रपत्र व डेली रिपोर्टिंग फॉर्मेट भरने सहित कार्यक्रम के अंतर्गत टीम तथा सुपरवाईजर को दिए जाने वाले प्रोत्साहन राशि के विषय में जानकारी प्रदान की गई।
इस दौरान जिला यक्ष्मा पदाधिकारी ने कहा कि स्लम बस्ती, उत्खनन क्षेत्र, पत्थल लीज, ईंटा भट्ठा के कामगारों व सफाई कर्मियों का स्पेशल स्क्रीनिंग कर टीबी के मरीजों की पड़ताल की जानी है। टीबी हारेगा, देश जीतेगा की मुहिम अब जोर पकड़ चुका है। जारी अभियान के तहत घर घर जाकर सहियाओं द्वारा टीबी के लक्षण के बारे में जानकारी प्राप्त करना एवं सम्भावित रोगी पाए जाने पर उनकी जांच तथा उपचार किया जाना है। इसके लिए डॉ मिश्रा ने प्रखण्डों के पचास फ़ीसदी जनसंख्या का सघन सर्वे कर एक्टिव केस फाइंडिंग का निर्देश भी दिया। साथ ही वैसे उपकेंद्र जहाँ से अधिक टीबी केस आ रहे हैं, जहाँ से टीबी केस बिल्कुल नहीं आ रहे हैं तथा हार्ड टू रिच एरिया को शामिल करते हुए दो दिनों के अंदर जिला को विस्तृत कार्य योजना भेजने का निर्देश दिए। डॉ मिश्रा ने कार्यक्रम के लिए आईईसी के माध्यम से प्रचार प्रसार हेतु लगाए गए बैनर व होर्डिंग का भी अवलोकन किया।