गुमला। सरना समिति गुमला जिला के अध्यक्ष एवं पूर्व जिला परिषद के सदस्य हंदू भगत ने कहा है कि राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के द्वारा अनुसूचित जनजातियों के धार्मिक स्थल सरना घेराबंदी मसना धूमकुडिया निर्माण के लिए करोड़ों रुपए मेसोआईटीडीपी विभाग को आवंटित किया गया है। किंतु गुमला जिले में बरीय पदाधिकारियों की शिथिलता के कारण राशि खर्च नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा है कि ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जिले में आदिवासी हितों को दरकिनार किया जा रहा है। ऐसे पदाधिकारियों को चिन्हित कार राज्य सरकार को तत्काल अन्यत्र स्थानांतरित करने की जरूरत है। उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार को आदिवासियों के धार्मिक स्थल के विकास कार्यों में लापरवाही एवं शिथिलता बरतने वाले विभागीय पदाधिकारियों के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच बिठा कर कार्रवाई करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि राज्य में हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकारी कार्य कर रही है।ऐसी स्थिति में अगर हेमंत सोरेन के नेतृत्व में सरकार करने के बाद भी आदिवासियों का विकास नहीं हुआ तो अन्य सरकारों के कार्यकाल में आदिवासियों का विकास कतई संभव नहीं है।उन्होंने कहा है कि वर्तमान समय में गुमला जिले में कोई भी राजनीतिक दल क्षेत्र के विकास को लेकर संघर्षरत नही है। श्री भगत ने सांसद विधायकों पर भी क्षेत्र के विकास के प्रति उदासीन रवैया अपनाए जाने का आरोप लगाते हुए कहा है कि सांसद विधायकों के उदासीन रवैया के कारण ही जिले के वरीय पदाधिकारी विकास कार्यों में केवल खानापूर्ति ही कर रहे हैं ऐसी स्थिति में क्षेत्र की जनता विकास के प्रति लालायित नजर आ रही है।