रांची : लातेहार जिले के बालूमाथ में दस दिनों के अंदर हाथी के दूसरे बच्चे का शव मिलने के मामले को लेकर हाईकोर्ट ने शुक्रवार को स्वतः संज्ञान लिया और महाधिवक्ता के जरिये राज्य सरकार से इस पर जवाब मांगा है। हाई कोर्ट ने सरकार से पूछा है कि ऐसा क्यों हो रहा है। क्या कोई बीमारी फैल रही है या रेगुलर पेट्रोलिंग नहीं हो रही है। या फिर जंगल में मरे हुए जानवरों के मांस खाने वाले जानवरों की कमी हो गई है। अगर यदि ऐसा है तो यह बहुत गंभीर मामला है। बगैर जानवर का जंगल उसी तरह हो जाता है, जिस तरह एक विधवा बिना श्रृंगार के दिखती है। ऐसे में अदालत ने 16 सितंबर को वन सचिव और चीफ वाइल्ड लाइफ ऑफिसर को हाजिर होने का निर्देश दिया है। उल्लेखनीय है कि बालूमाथ थाना क्षेत्र के गणेशपुर ग्राम अंतर्गत हाड़ी जंगल में 8 सितंबर और 30 अगस्त को चंदवा प्रखंड में हाथी के बच्चे का शव संदिग्ध अवस्था मृत पाया गया था। ग्रामीणों के अनुसार हाथी के दोनों बच्चे के शरीर पर जख्म के निशान थे।