खूंटीः सड़क दुर्घटना पर मुआवजा मिल जाए तो वाकई बड़ी बात है। जिले में पहली बार सड़क दुर्घटना में घायल परिवार को इंश्योरेंस कंपनी को 18 लाख का भुगतान करने का फैसला खूंटी कोर्ट ने सुनाया है। चार साल लंबी लड़ाई लड़ने के बाद आखिर में न्यायालय के फैसले के बाद इंश्योरेंस कंपनी अब भुक्तभोगी को चार गुणा अधिक रकम देगी। खूंटी व्यवहार न्यायालय ने 5 वर्ष पूर्व एक दर्दनाक दुर्घटना मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। तेज रफ्तार स्कार्पियो से 18 अगस्त 2016 को हुई दुर्घटना में महिला उर्मिला देवी घायल हो गयी थी और उनका जीविकोपार्जन करने के लिए बनाया गया सिलाई गुमटी भी तेज रफ्तार स्कार्पियो की चपेट में आकर पूरी तरह ध्वस्त हो गया था। उस विधवा महिला के पास पति के गुजरने के बाद एकमात्र गुमटी ही जीविकोपार्जन का साधन था। केस लड़ने के लिए पैसे नहीं थे। घायल होने के बावजूद महिला उर्मिला देवी कोर्ट का चक्कर लगाकर अपना केस आगे बढ़ाना चाहती थी। तब ऐसे विकट परिस्थिति में उस महिला का केस जिला विधिक सेवा प्राधिकार के माध्यम से निःशुल्क लड़ा गया और 2 अगस्त 2021 को खूँटी व्यवहार न्यायालय के जिला जज प्रथम राजेश कुमार की अदालत ने पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए बीमा कंपनी से चार गुणा बीमा राशि भुगतान करने का निर्देश दिया है।
न्यायालय ने इंश्योरेंस कंपनी बजाज अलायंस को घायल महिला को 18 लाख रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया है। 60 दिनों के अंदर उक्त राशि का भुगतान नहीं किए जाने पर 12% की दर से पीनल इंटरेस्ट देना होगा। उक्त दुर्घटना का मामला 18 अगस्त 2016 का है जिसमें खूंटी के हूटार में एक तेज रफ्तार स्कॉर्पियो (जेएच07एफ- 9574) उर्मिला देवी के घर में जा घुसी थी जिसमें स्कॉर्पियो में सवार लोगों के साथ उर्मिला देवी भी गंभीर रूप से घायल हो गई थीं। दुर्घटना में उर्मिला देवी के घर की दीवार टूट गई थी वहीं घर में मौजूद मुर्गी और बकरी भी मारे गए थे। साथ ही उर्मिला देवी को भी गंभीर चोटे आई थी। महिला को 2 साल तक बिस्तर पर रहना पड़ा और अभी तक वह पूरी तरह से स्वस्थ नहीं हुई है।
उन्होंने घटना के बाद मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई थी और 6.45 लाख मुआवजे की मांग की थी। मामला लोक अदालत में भी गया था जहां उसने पांच लाख रुपया की मांग की लेकिन बीमा कंपनी ने बीमा की 5 लाख की रकम देने से इनकार कर दिया।
अंततः खुंटी जिला जज प्रथम के न्यायालय ने कंपनी को 18 लाख का भुगतान करने का निर्देश दिया। जिसमें इलाज दवाई, आर्थिक नुकसान के लिए समेत अन्य भविष्य के आर्थिक नुकसान का आकलन करते हुए कुल 18 लाख की राशि बीमा कंपनी को देने का निर्देश दिया गया है।
खूंटी में इस तरह का यह पहला मामला है जिसमें वाहन दुर्घटना में हुए किसी घायल को इतनी बड़ी राशि कोर्ट के निर्देश पर मिलेगी। उक्त स्कॉर्पियो सिमडेगा के सुनील कुमार जायसवाल का था वाहन का इंश्योरेंस नहीं होने की स्थिति में उक्त राशि वाहन मालिक को भुगतान करना पड़ता इस मामले में पीड़िता की ओर से वकील मदन मोहन राम थे। मामले में पीड़िता की ओर से तीन और कंपनी की ओर से एक गवाही प्रस्तुत की गई थी।