कामिल की रिपोर्ट
बसंतराय: प्रखंड क्षेत्र में रात के अंधेरे में बालू तस्करी का धंधा सातवें आसमान पर है। ताजा तस्वीर बीते सोमवार रात्रि की बताई जा रही है। जहां ट्रैक्टर से बेखौफ होकर रात के अंधेरे में बालू की तस्करी की जा रही है।
स्थानीय लोगों ने बताया कि मध्य रात्रि में ट्रैक्टर, ट्रॉली की तेज आवाज रातों की नींद उड़ा देती है। प्रखंड क्षेत्र के नदियों के घाटों से रोजाना बालू का अवैध उठाव जारी है। किसान सालों भर खेती करते रहें, इसके लिए जरूरी है कि उन्हें पर्याप्त पानी उपलब्ध कराई जाय।मगर नदियों को मां का दर्जा देने वाले देश भारत में नदियों से ही रोजाना बालू का दोहन बड़े स्तर पर जारी है। परिणाम स्वरूप प्रखंड क्षेत्र की नदियां अपना अस्तित्व खोती नजर आ रही है। बालू माफिया अन्नदाता किसानों के भविष्य पर कालिख पोतते नजर आ रहे हैं। हालांकि प्रशासनिक पदाधिकारी कभी कभार इक्का-दुक्का छोटी गाड़ियों को पकड़ कर खानापूर्ति करते भी नजर आते हैं। इस तरह की कार्रवाई मात्र दिखावा साबित हो रहा है।
स्थानीय लोगों की मानें तो बालू के इस अवैध धंधे में कुछ भ्रष्ट पुलिस कर्मियों और विभागीय पदाधिकारियों की भी संलिप्तता रहती है। जिस कारण बालू के अवैध उठाव को रोक पाने में प्रशासन कामयाब नहीं हो पा रहा है। प्रखंड क्षेत्र के किसानों ने कहा कि अगर नदियों से लगातार बालू उठाव जारी रहा तो नदियों में पानी नहीं रहेगा। नदियों में पानी नहीं रहा तो हम खेती नहीं कर पाएंगे। क्योंकि बरसात के अलावे खेती के लिए किसान नदियों पर ही निर्भर रहते हैं। अगर किसी अन्य माध्यम से खेती हुई भी तो सब्जी और अनाज के उत्पादन में खर्च अधिक आयेगा, जिसका सीधा असर बाजार के दामों पर आयेगा और महंगाई की मार सीधा आमजनों को प्रभावित करेगा। ऐसे विषय पर आम लोगों को भी गंभीरता दिखानी चाहिए और नदियों के अस्तित्व बचाने की कवायद में जुट जाना चाहिए।