महागामा: अनुमंडल मुख्यालय में स्थापित दोनों दुर्गा पंडालों के प्रतिमा का विसर्जन श्रद्धा एवं भक्ति के माहौल के बीच शांतिपूर्ण ढंग से हो गया। पौराणिक दुर्गा मंदिर की प्रतिमा का विसर्जन परंपरागत रूप से विजयादशमी को शाम में किया गया। वहीं ऊर्जा नगर में स्थापित मां दुर्गे की प्रतिमा का विसर्जन एकादशी तिथि यानी शनिवार को किया गया।
जगत जननी मां दुर्गा की आराधना का उत्साह भक्तों में प्रति वर्ष देखने को मिलता था।परंतु इस बार करोना संक्रमण के चलते सरकार द्वारा जारी दिशा निर्देश के कारण माता के पंडाल जरूर कम लगे, लेकिन आस्था में कहीं कोई कमी नहीं थी।महागामा हटिया चौक पर स्थित पौराणिक दुर्गा मंदिर में स्थापित माता की प्रतिमा का विसर्जन विजयदशमी की शाम में किया गया । बताते चलें कि इस मंदिर में स्थापित माता की प्रतिमा का विसर्जन काफी विधि विधान से किया जाता है। पौराणिक दुर्गा मंदिर की माता की प्रतिमा को नही घुमाया जाता है।विसर्जन के दरम्यान काफी दूर दूर से लोग माता का विसर्जन देखने आते हैं।माता के विसर्जन के समय सभी लोगों की आंखे नम हो जाती है। पौराणिक दुर्गा मंदिर में राजशाही दौर से ही प्रतिमा स्थापित होती आ रही है।
वहीं महागामा ऊर्जानगर स्थित मंदिर में स्थापित माता की प्रतिमा का विसर्जन विजयदशमी के अगले दिन किया गया। विधि व्यवस्था बनाए रखने के लिए जगह जगह अच्छी खासी संख्या में पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की गई थी।