लिट्टीपाड़ा: उपायुक्त वरुण रंजन ने बुधवार को प्रखण्ड स्थित डाकिया योजना का बोरा निर्माण केंद्र गुतु गलांग व पीटीजी अनाज पेकेटिंग जेफसीआई गोदाम का निरीक्षण किया।उपायुक्त वरुण रंजन ने कहा बरबट्टी का राष्टीय पहचान दिलाने के लिए जोगरोफिकल आइडेंटिफिकेशन करवाना अतिआश्यक है। उन्होंने डाकिया योजना के लिए आदिम जन जाति की महिलाओ द्वारा बनाए जा रहे बोरा सिलाई केंद्र का निरीक्षण किया। उन्होंने महिलाओ से पूछा प्रति दिन कितना बोरा निर्माण करते है और कहाँ कहाँ सप्लाई किया जाता है। बोरा निर्माण कर रही रूबी मालतो ने बताया डाकिया योजना का अनाज पिकेटिंग कर यहां से पूरे राज्य के 24 जिला में प्रति माह 70 हजार बोरा भेजा जाता है।बोरा निर्माण में 35 महिलाएं कार्य कर रही है जिन्हें प्रति माह 5 हजार रुपया मानदेय मिलता है।उपायुक्त ने बीज स्टोर गोदाम का भी निरीक्षण किया। उन्होंने बरबट्टी, इमली व बाजरा से महिलाओं का आय दुगुनी करने के लिए बड़े मार्केट मुंबई, चिन्नई व कोलकत्ता जैसे मेट्रो सिटी में सप्लाई करने का निर्देश दिया। साथ ही कहा कि आटा, दाल व इमली का प्रोगेशिंग मशीन लिट्टीपाड़ा के गुतु गलांग के महिला को उपलब्ध कराया जाएगा । ताकि बाजार से आटा व इमली से केक व टॉफी खूंटी की भांति निर्माण कर बाजार में बेचकर अपनी आय बढ़ा पाएगी। उपायुक्त ने जेफसीआई गोदाम में डाकिया योजना का अनाज पेकेटिंग कार्य का भी निरीक्षण किया। पेकेटिंग कार्य देखकर उपायुक्त काफी प्रभावित हुए और 35 किग्रा के पैकेट के ऊपर योजना का लोगो लगाने का निर्देश डीपीएम प्रवीण मिश्रा को दिया।मोके पर उपविकास आयुक्त अनमोल कुमार सिंह,डीपीओ डॉ चन्द्र भूषण तिवारी जनसम्पर्क पदाधिकारी चन्दन कुमार, बीडीओ संजय कुमार, एमओ सत्येन्द्र कुमार समेत कई अधिकारी उपस्थित थे।