गोड्डा: ग्रामीण विकास ट्रस्ट-कृषि विज्ञान केंद्र, गोड्डा के सभागार में ग्रामीण युवक-युवतियों का पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन हो गया। प्रशिक्षण का विषय “समेकित कृषि प्रणाली” था। प्रशिक्षण के दौरान बताया गया कि एक एकड़ फार्म में खेती के साथ-साथ मुर्गी पालन, बत्तख पालन, मछली पालन, सुअर पालन, बकरी पालन, सब्जी उत्पादन, फल उत्पादन, मशरूम उत्पादन, नर्सरी तैयार करना, चारा उत्पादन, केंचुआ खाद उत्पादन तथा वेस्ट डीकम्पोजर का घोल तैयार करके समेकित कृषि प्रणाली के माॅडल के रूप में फार्म स्थापित कर सकते हैं। समेकित कृषि प्रणाली अपना कर युवा वर्ग को अच्छा व्यापार करने का हुनर सिखाने के उद्देश्य से यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया ।
कृषि प्रसार वैज्ञानिक डाॅ रितेश दुबे के अनुसार, यदि ग्रामीण युवा वर्ग कृषि की नई तकनीक जैसे-मिट्टी जांच, बीज उपचार, जैविक कीटनाशी तैयार करना, टपक सिंचाई विधि, बहुस्तरीय सब्जी फसल प्रणाली, मशरूम उत्पादन, ओल का मूल्य संवर्द्धन, एसआरआइ विधि आदि तकनीक सीख जाते हैं तो ग्रामीण एवं जिला स्तर पर उत्तम गुणों से भरपूर बीज, सब्जी, फल तथा जैविक खाद एवं जैविक कीटनाशी तैयार करके अच्छा रोजगार अपना सकते हैं।
वरीय वैज्ञानिक-सह- प्रधान डाॅ रविशंकर ने ग्रामीण युवक-युवतियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि गोड्डा जिले में स्थापित कृषक उत्पादक संगठन से जुड़कर तैयार कृषि उत्पाद, उन्नत प्रजातियों के बीज,ओएस्टर मशरूम, औषधीय एवं जड़ी बूटी पौधे तैयार करके दवाई बनाकर, जैविक कीटनाशी एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद बाजार तक पहुंचा कर अत्यधिक लाभ कमा सकते हैं। सभी प्रतिभागियों को मडुआ, कुल्थी, सरगुजा की उन्नत खेती, बीज उपचार की पुस्तिका तथा चारा फसल नेपियर के पौधे वितरित किया गया। मौके पर बुद्धदेव सिंह, राजेश कुमार, अमर साहनी, राजकुमार प्रजापति, बाबू सोरेन, रमेश टुडू, जेसपिन्दर टुडू, वीरेन्द्र मरांडी,कृष्णा मुर्मू, पूनम किस्कू, सबीना सोरेन, रश्मि हांसदा आदि प्रगतिशील युवक-युवतियां प्रशिक्षण में सम्मिलित हुए।