उर्दू हिन्दुस्तान में जन्मी और पली बढ़ी है इसकी सुरक्षा हो : मौलाना जमीरुद्दीन खान
उर्दू हिन्दी की सगी बहन है इस का भी विकाश हो : जगदीश करमाली
रामगढ़: उर्दू दिवस के मौके पर अंजुमन फरोग उर्दू, झारखंड के रामगढ़ जिला शाखा द्वारा कर्मा में जिला स्तरीय समारोह आयोजित किया गया। समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर वक्तव्य देते हुवे प्रो शाहनवाज खान ने कहा कि झारखंड सरकार सरकारी स्कूलों में उर्दू शिक्षा का प्रयाप्त सुविधा दे। उर्दू झारखंड राज्य की दूसरी राजकीय भाषा है अविभाजित बिहार के ज़माने से ही इस क्षेत्र में उर्दू शिक्षा की व्यवस्था है लेकिन इसे सरकारी स्तर से नजर अंदाज किया जा रहा है। झारखंड सरकार उर्दू शिक्षक नियुक्त करे और उर्दू की किताबें उपलब्ध कराई जाए ताकि उर्दू भाषी विद्यार्थियों को शिक्षा प्राप्त करने में कोई दिक्कत न हो।
समारोह की अध्यक्षता नूरी मस्जिद के इमाम मौलाना जमीरुद्दीन खान और संचालन रतवे जमा मस्जिद के इमाम कारी अनवर तबस्सुम ने किया।
हारून रशीद ने कहा कि उर्दू को प्रदेश में दूसरी राजकीय भाषा का दर्जा प्राप्त है लेकिन वास्तविक स्थिति कुछ और ही है। इसलिए अंजुमन फराेग उर्दू का एक प्रतिनिधिमण्डल मुख्य मंत्री और शिक्षा मंत्री से मिलकर वास्तविकता से अवगत कराए और मांगपत्र सौंपे। जिसमें दूसरी सरकारी जुबान की शिक्षा और सरकारी कार्यालयों में कामकाज की उचित व्यवस्था हो।
एहसान अंसारी ने कहा कि उर्दू की स्थिति सुधारने के लिऐ, इसके विकाश के लिए और इसकी सुरक्षा के लिए झारखंड में कोई प्रयास नहीं हो रहा है जबकि इसकी आवश्यकता आ पड़ी है। जरूरत है एक सामूहिक प्रयास की और एक लंबा अभियान चलाना पड़ सकता है। अतः हम सब इसके लिए तैयार रहें।
अब्दुल अजीज ने कहा कि सिर्फ सरकारी सुविधा उपलब्ध होने से भाषा को बचाया नहीं जा सकता बल्कि भाषा पढ़ने लिखने और इस्तमाल करने हमारे साथ सुरक्षित रहेगी।
इमाम कारी अनवर तबस्सुम ने कहा कि उर्दू भाषी अपने घरों मे उर्दू पढ़ने लिखने का माहौल बनाए। उर्दू मध्यम से ही शिक्षा प्राप्त करे साथ में दुसरी भाषा और विषय का भी ज्ञान प्राप्त करे।
मुफ्ती अबुल कलाम सकाफी ने कहा कि उर्दू अख़बार और पत्रिकाएं खरीद कर पढ़ें, उर्दू पुस्तकालय स्थापित करें, दुकानों ,घरों और कार्यालयों में नामों की तख्तियां उर्दू में लगाएं, साथ ही सभी प्रकार के पत्र और आवेदन पत्र उर्दू में ही लिखा करें।
इस समारोह को इमतियाज अंसारी, मो. सलीम, मंजूर अंसारी, मास्टर एहसान, मास्टर शकील, शराफत हुसैन, इमरान अंसारी, मो. असफाक ने संबोधित किया।
इस अवसर पर तनवीर आलम, मो तौसीफ, मो आसिफ, हैदर अली, सहनवाज हुसैन , सालिक नवाज खान योगदान रहा।
समारोह में मो फखरुद्दीन, कासिम अंसारी ,अली इमाम, हमीद अंसारी आदि उपस्थित थे।