रांची: झारखंड अभिभावक संघ की वर्चुअल बैठक जूम एप के माध्यम से अध्यक्ष अजय राय की अध्यक्षता में हुई। जिसमें झारखंड हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता रोहित सिंह,दिनेश कुमार ,झारखंड चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष प्रवीण जैन ,झारखण्ड बस ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सच्चिदानन्द सिंह ,भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रदीप सिन्हा, गाजियाबाद उतर प्रदेश से सीमा त्यागी ,हैदराबाद तेलंगाना से सिमा अग्रवाल ,उड़ीसा से बासुदेव भट्ट ,दिल्ली से हितेश कौशिक सहित विभिन्न सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियो के साथ साथ सैकड़ो अभिभावक शामिल हुए।
बैठक निम्न लिखित मुद्दों पर चर्चा हुई ..
(1) पिछले साल निकाले गए विभागीय पत्रांक 1006 दिनांक 25/06/2020 का शत-प्रतिशत अनुपालन सत्र 2021-22 में भी सुनिश्चित हो ।
(2) शुल्क के अभाव में छात्रों को ऑनलाइन क्लास से वंचित ना करे ।
(3) सम्बद्धता प्राप्त निजी विद्यालयों की मनमर्जी पर नकेल कसे, विद्यालय स्तरीय पारदर्शी शिक्षण शुल्क समिति का गठन सुनिश्चित हो।
(4) झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण संशोधन अधिनियम 2017 को पूर्णतया पारदर्शी तरीके से लागू करने ।
शिक्षण के अनुपात में ही शिक्षण शुल्क का निर्धारण करने, पेरेंट्स टीचर एसोसिएशन का गठन हो ।
(5) निजी विद्यालयों की पिछले 5 साल का ऑडिट रिपोर्ट की समीक्षा राज्य सरकार करें जो स्कूल सर प्लस में है वहां विभिन्न मदों में लिए जाने वाले शुल्क पर रोक लगे और जिन स्कूलों के आर्थिक हालात खराब है उन्हें राहत पैकेज दे ।
(6) स्कूलों में चलने वाली बसों के टैक्स ,इंश्योरेंस माफ करने को लेकर कैबिनेट की बैठक में प्रस्ताव पारित करे राज्य सरकार।
(7) स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षक , शिक्षकेतर कर्मचारियों का वेतन पूर्व की तरह सुनिश्चित हो।
बैठक में उपरोक्त सातो मुद्दों पर चर्चा के उपरांत सर्वसम्मति से पास किया गया।
बैठक दोपहर 1 :00 बजे से सुरु होकर 3:30 बजे तक चली। बैठक में कई सुझाव आये साथ ही झारखण्ड अभिभावक संघ की ओर से पिछले 1 जुलाई से 7 जुलाई तक चलाये गए आंदोलन #सात वार सात गुहार # की समीक्षा भी की गई।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा की प्राइवेट स्कूलो की मनमांनी पुरे देस स्तर पर है और इसके लिए हर राज्य से आवाज उठनी चाहिए तभी हम राज्य से लेकर केंद्र सरकार तक प्रमुखता से अपनी आवाज प्रमुखता से रख सकते है। आज जरुरत है भारत के अंदर #वन नेसन वन एजुकेसन वन बोर्ड # की और उसी के अनुपात में शुल्क तय सरकार करे तभी इन स्कूलों के मनमानीपन से निजात मिल सकती है।
इस अवसर पर आये सुझाव को देखते हुए अजय राय ने बताया की अभिभावकों की ओर से आये तमाम सुझावों व चर्चा के उपरांत सातो मुद्दों को देखते हुए कल आन्दोलन के तीसरे चरण की घोसना की जाएगी।
उन्होंने बताया की राज्य सरकार के एजेंडा में सिक्षा नहीं दीखति और न यहाँ के लाखो अभिभावकों की पीड़ा ,उनके इस कार्यप्रणाली से राज्य की जनता काफी निराश है। अजय राय ने कहा की राज्य सरकार कोरोना महामारी में कई घोसनाये तो कर रही है पर उसे स्कूलों के बंद होने का कारन जानने की भी फुर्सत नहीं है और नहीं स्कूलों से लुटते अभिभावकों को देखने की फुर्सत।
इस अवसर पर झारखण्ड हाईकोर्ट के अधिवक्ता रोहित सिघ ने कई अहम् जानकारी अभिभावकों को दी और कहा की अभिभावकों की इस लड़ाई में वो हमेसा सहयोग के लिए तैयार है।
इस अवसर पर कैप्टन प्रदीप मोहन सहाय( धनबाद) ,महेन्दर राय, (बोकारो) संजय सर्राफ(राँची) ,लाल ओंकार नाथ साहदेव लोहरदगा) डॉ पुस्पा श्रीवास्तव ( जमशेदपुर) धीरज आनन्द ( देवघर ) दीपक शर्मा( गिरिडीह ) रामदीन कुमार श्रीमती पदमिनी ,अंजना गुप्ता ,सैलेस कुमार ,प्रमोद रंजन ,रविरंजन त्रिपाठी ,देओ सिंह ब्रज किशोर साहू ,विकास सिन्हा ,अमित कुमार ,देवानंद राय ,जानवी कृष्ण ,अमित कुमार ,पंकज सिन्हा ,मिंटू कुमार ,पिंटू मिश्रा ,रवि कुमार ,अमित शरण ,रामनाथ ठाकुर ,कमलेश कुमार ,सर्वजीत सिंह ,सहित अन्य शामिल हुए।