इचाक से कुलदीप कुमार की रिपोर्ट
इचाक :प्रखंड मुख्यालय के स्थिर झामुमो प्रखंड कार्यालय इचाक मैं वीर शहीदों को नमन किया गया हुल दिवस के मौके पर कोविड-19 को देखते हुए सामाजिक दूरी बनाकर गरीबों मजदूरों के बीच मास्क वितरण किया गया एवं हुल क्रांति दिवस के अवसर पर वीर शहीदों को नमन अमर वीर शहीद सिद्धों कान्हू चांद भैरव फूलो झानो समेत हजारों अमर वीर शहीदों को हुल जोहार. झारखंड के वीर शहीद अमर रहे किय गया. जिला सह सचिव मनोहर राम ने कहा कि अंग्रेजों के जुल्म शोषण और अत्याचार के विरुद्ध उन्होंने बिगुल फूंका. इसकी चिंगारी की लपेटा में पूरे हजारीबाग हुल क्रांति के नेतृत्व में लुधिया मांझी ने खुला विरोध किया था .आजादी की पहली लड़ाई थी झारखंड की हुल क्रांति दिगम्बर कुमार मेहता झामुमो प्रखंड सचिव इचाक ने कहा संथाली भाषा में हुल का अर्थ होता है विद्रोह 30 जून 1855 को झारखंड के आदिवासियों ने अंग्रेजों केखिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंका और 400 गांव के 50000 से अधिक लोगों ने गांव पहुंचकर जंग का ऐलान कर दिया इस हूल दिवस नमन पर मुख्य रूप से मुकेश कुमार मेहता कुंदन कुमार मेहता भेजूं महतो विकास यादव शंभु भुइयां इत्यादि उपस्थित थे.