जामताड़ा से राजकिशोर सिंह की रिपोर्ट
जामताड़ा: करमाटांड़ प्रखंड क्षेत्रन्तर्गत आंगनबाड़ी केन्द्र कुरूवा-1 को अतिक्रमणमुक्त कराने का मामला तुल पकड़ता जा रहा है। जहां एक ओर आंगनबाड़ी केन्द्र को सिमेंट का गोदाम बनाकर रखा गया है। वहीं आंगनबाड़ी केन्द्र में अनाधिकृत रूप से निर्माण कार्य भी किया गया है। लिहाजा अब ग्रामीण सशंकित है कि आंगनबाड़ी केन्द्र का निजी व्यवहार होने लगा है। इस संबंध में गांव के मोहम्मद मोहिद मुशर्रफ ने उपायुक्त को लिखित शिकायत दिया है।
आंगनबाड़ी केन्द्र से अवैध कब्जा हटाने की मांग
आंगनबाड़ी केन्द्र कुरूवा-1 में सिमेंट की बोरियां रखी हुई है। गोदाम में तब्दील उक्त आंगनबाड़ी केन्द्र को अवैध कब्जा से मुक्त करवाने की मांग की जा रही है। जिस पर अवैध कब्जा किसी साधारण व्यक्ति द्वारा नहीं किया गया है। बल्कि झारखंड प्रशासनिक सेवा के एक अधिकारी के परिजन ही आंगनबाड़ी केन्द्र पर अपना कब्जा कर रखे है। चुंकि शिकायतकर्ता के अनुसार आंगनबाड़ी केन्द्र की सेविका बेबी तब्बसुम है। जिनके पति झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारी है। इस कारण अवैध कब्जा हटाने को लेकर प्रशासनिक पहल नहीं हो रही है।
आंगनबाड़ी केन्द्र के छत पर अनाधिकृत निर्माण
आंगनबाड़ी केन्द्र के छत पर अनाधिकृत रूप से शौचालय का निर्माण करवा दिया गया है। इसके अलावे छत के उपर चाहरदिवारी का भी निर्माण हो चुका है। इतना ही नहीं केन्द्र के छत पर चढ़ने-उतरने के लिए सिढ़ी का निर्माण भी करवाया गया है। ये सारे काम सरकारी राशि से नहीं हुआ है। बल्कि झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के परिजनों ने निजी खर्च से किया है। अब यह सारे निर्माण के पीछे झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारी के परिजनों की मंशा क्या है। यह स्पष्ट नहीं हो पा रहा है। लेकिन आंगनबाड़ी के समीप ही एक दो मंजिला मकान का भी निर्माण कर दिया गया है। उसके इर्द-गिर्द निर्माण हो जाने से अब केन्द्र तक बच्चों के पहुंचने के लिए रास्ते की भी समस्या उत्पन्न हो रही है।
परिजनों का दावा बच्चों के हित के लिए करवाया गया है निर्माण
उनके परिजनों का कहना है कि ठंड के दिनों में बच्चों को छत पर बैठाकर पढ़ाई करवाया जाता है। बच्चों के उपयोग के लिए ही शौचालय का निर्माण किया गया है। लेकिन इस दावे में कितनी सच्चाई है यह तो जांच के बाद ही खुलासा हो सकेगा। हालांकि बताया जाता है कि आंगनबाड़ी केन्द्र निर्माण के दौरान याकूब अंसारी ने जमीन दान में दी है।