खूंटी : लोकसभा के पूर्व उपाध्यक्ष व पद्मभूषण से सम्मानित कड़िया मुंडा के मित्र रमेश बैस झारखण्ड के नए राज्यपाल बनाए गए हैं। राज्यपाल बनाए जाने पर कड़िया मुंडा ने रमेश बैस को बधाई दी है और कहा कि मित्र हैं झारखण्ड आएंगे तो मुलाकात होगी, बातचीत होगी, पुरानी बातें दोहराएंगे,बातचीत करेंगे। अच्छा है जल्दी से आ जाए अपना काम संभालें।
राज्य में नए राज्यपाल बने रमेश बैस के बारे में कड़िया मुंडा ने कहा कि वो हमारे खास मित्र हैं। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ सरकार में कई बार मंत्री रह चुके है। सांसद विधायक के अलावा केंद्रीय मंत्री भी रहे है।
कड़िया मुंडा भाजपा से झारखंड के कद्दावर नेता के तौर पर जाने जाते है ऐसे में उनका राज्यपाल न बनना उन्हें थोड़ी तकलीफ दे जाती है लेकिन मुंडा जी अपनी इस टीस को जुबान से बयां नही कर पा रहे। एक सवाल पर कड़िया मुंडा ने कहा कि भले ही राज्य में आकलन किया जा रहा होगा लेकिन हमें इसकी जानकारी नही। उन्होंने हंसते हुए सलीके से जवाब दिया और कहा कि पार्टी जो निर्णय लेगी उसपर मैं अमल करूंगा। इसपर ज्यादा बोलना बेहतर नही। बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने कड़िया मुंडा को टिकट नही दिया था। कड़िया मुंडा की जगह अर्जुन मुंडा को खूंटी लोकसभा का उम्मीदवार बनाया गया और आज अर्जुन मुंडा खूंटी सांसद हैं और केंद्रीय मंत्री है।
गौरतलब है कि रमेश बैस फिलहाल त्रिपुरा के राज्यपाल हैं। छत्तीसगढ़ के मूल निवासी रमेश बैस रायपुर से लोकसभा सदस्य रहे हैं। छत्तीसगढ़ से लगातार सात बार सांसद बनने का उन्होंने कीर्तिमान बनाया था। दो अगस्त 1947 को जन्मे बैस केंद्र सरकार में मंत्री भी रहे हैं। जुलाई 2019 में वे त्रिपुरा के राज्यपाल बनाए गए।18 मई 2015 को झारखण्ड की राज्यपाल बनाई गईं द्रौपदी मुर्मू भी छत्तीसगढ़ की ही निवासी हैं। झारखण्ड की पहली महिला राज्यपाल बनने का गौरव द्राैपदी मुर्मू को हासिल हुआ। 2 अगस्त 1947 में जन्मे रमेश बैस 2019 से त्रिपुरा के राज्यपाल हैं। ये अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में पर्यावरण व वन राज्य मंत्री रह चुके हैं। रमेश बैस झारखण्ड के 10वें राज्यपाल बनाए गए हैं।