★ सुबे के कृषि मंत्री, महिला, बाल-विकास विभाग की मंत्री, सिंहभूम सांसद, स्थानीय सभी विधायक थे उपस्थित
★ कृषि मेले में प्रगतिशील किसानों के बीच कृषि उपकरण, मोटरसाइकिल, बीज एवं झारखंड कृषि ऋण माफी के स्वीकृती पत्र का किया गया वितरण
★ उक्त मौके पर एसोसिएशन ग्राउंड में पश्चिमी सिंहभूम जिला उपायुक्त, उप विकास आयुक्त, जिला कृषि पदाधिकारी, जिला मत्स्य पदाधिकारी, जिला उद्यान पदाधिकारी सहित अन्य सभी पदाधिकारी एवं जिले के प्रगतिशील कृषक रहे उपस्थित
रामगोपाल जेना
चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिला मुख्यालय शहर चाईबासा स्थित एसोसिएशन ग्राउंड में राज्य के कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के मंत्री बादल पत्रलेख, महिला बाल-विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की मंत्री जोबा माझी, सिंहभूम सांसद गीता कोड़ा तथा चाईबासा विधायक दीपक विरुबा, चक्रधरपुर विधायक सुखराम उरांव, मझगांव विधायक निरल पूर्ति, जगन्नाथपुर विधायक सोनाराम सिंकु के उपस्थिति में किसान मेला-सह-कृषि प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। उक्त अवसर पर पश्चिमी सिंहभूम जिला उपायुक्त श्री अरवा राजकमल, उप विकास आयुक्त श्री संदीप बख्शी, जिला कृषि पदाधिकारी श्री संतोष लकड़ा, जिला उद्यान पदाधिकारी श्री संजय कुमार सिंह, जिला मत्स्य पदाधिकारी श्री जयंत रंजन सहित जिला सहकारिता पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी, जिला भूमि संरक्षण पदाधिकारी एवं जिले के विभिन्न प्रखंडों से आए किसान एवं प्रबुद्ध नागरिक उपस्थित रहे। किसान मेले का उद्घाटन मंच पर उपस्थित व्यक्तियों के द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया तथा किसानों के बीच कृषि उपकरण, कृषि बीज, झारखंड कृषि ऋण माफी योजना अंतर्गत स्वीकृती पत्र, मत्स्य कृषकों के बीच मोटरसाइकिल आदि का वितरण किया गया तथा उपस्थित आगंतुकों के द्वारा मेले में लगाए गए विभिन्न स्टॉल का भ्रमण एवं कृषकों के कृषि उत्पादों का अवलोकन किया गया। इस क्रम में कृषि मंत्री के द्वारा भोजन पंडाल में जाकर किसानों के बीच भोजन भी परोसा गया।
इस अवसर पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री श्री बादल पत्रलेख ने कहा कि सरकार गठन के उपरांत वैश्विक महामारी कोरोनावायरस संक्रमण के समय राज्य सरकार के द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग एवं तत्परता से राज्य की जनता को अनाज उपलब्ध करवाने का सराहनीय कार्य करते हुए देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे अपने झारखंडी भाइयों को ट्रेन एवं हवाई जहाज के माध्यम से अपने गृह राज्य वापस लाया गया। उन्होंने कहा की राज्य के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य के किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए झारखंड राज्य फसल राहत योजना के तहत एक सौ करोड़ रुपए विगत वर्ष तथा 50 करोड़ रुपए का प्रावधान इस वर्ष हेतु किया गया है, जिससे राज्य के किसानों के फसलों को होने वाले नुकसान की भरपाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस जिले के 20 सूत्री कार्यक्रम के प्रभारी मंत्री तथा राज्य के कृषि मंत्री होने के नाते आज आप सबों के बीच उपस्थित हूं। कृषि मंत्री के द्वारा कविता के माध्यम से किसानों की स्थिति बयान करते हुए कहा गया कि राज्य की लगभग दो तिहाई जनता कृषि कार्यों पर निर्भर है और सभी की नजरें अपनी चुनी हुई सरकार पर टिकी हुई है। झारखंड राज्य कृषि ऋण माफी योजना के तहत राज्य के 9,60,000 किसानों के ऋण माफी हेतु दो हजार करोड़ के ऋण माफी की घोषणा करके सरकार के द्वारा किसानों को राहत देने का सराहनीय प्रयास जारी है एवं अभी तक 400 करोड़ रुपए तक की ऋण माफी की जा चुकी है।
कृषि मंत्री के द्वारा कहा गया कि राज्य सरकार के द्वारा राज्य के किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से निरंतर कार्य किए जा रहे हैं और आने वाले दिनों में अनुदान पर एपीएल एवं बीपीएल परिवार के महिलाओं को 9,250 गाय के वितरण का लक्ष्य रखा गया है एवं इस बार के बजट में राज्य के जो दूध उत्पादक किसान हैं उनको प्रोत्साहित करने के लिए एक रुपए प्रति लीटर प्रोत्साहन देने का धोषणा भी किया गया है। इसके साथ ही गौ मुक्तिधाम, संकुल गठन, बिरसा गांव जैसी योजनाएं आने वाले दिनों में आप सभी को देखने को मिलेगा। उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों की सबसे बड़ी समस्या है कि वह मेहनत से उत्पादन तो प्राप्त करते हैं लेकिन उन्हें इसका उचित मूल्य नहीं मिल पाता है जिसके लिए राज्य सरकार के द्वारा सब्जी उत्पादों के एम.एस.पी तय करने को लेकर कमिटी का गठन कर लिया गया है एवं सरकार कृषि नीति भी तैयार कर रही है तथा कृषि निर्यात नीति भी बनाने के लिए प्रयास जारी है। उन्होंने कहा कि राज्य में कृषि कैलेंडर तैयार है जिसके तहत आगामी 25 मई को अनुदानित दर पर बीज प्रखंडों में क्षेत्र के विधायक/जिला परिषद/मुखिया के कर कमलों से वितरित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार राज्य के 24,00,000 किसानों को बिरसा किसान बनाने के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़ रही है तथा झारखंड के जीडीपी में वर्तमान समय में किसानी योगदान 12% है उसे बढ़ाते हुए 20% तक ले जाना है। उन्होंने कहा कि किसानों को स्वाबलंबन बनाने के लिए सरकार रात दिन प्रयासरत है तथा राज्य के किसानों को भी इसके लिए आगे बढ़ चढ़कर भाग लेने की आवश्यकता है।
कृषि मंत्री ने कहा कि उद्यान के क्षेत्र में भी राज्य के 40,00,000 किसानों में से 10,00,000 किसानों को जोड़ने का सीधा प्रयोग किया जा रहा, इसके तहत कृषि विभाग किसानों को सारी सुविधाएं उपलब्ध करवाएगा। उन्होंने राज्य में कृषि विभाग अंतर्गत कार्य कर रहे सभी पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों को धन्यवाद देते हुए कहा कि आप के अथक प्रयास से ही सरकार किसानों को लाभान्वित करने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में राज्य के बड़े एवं छोटे तालाबों का जीर्णोद्धार करने का भी विचार सरकार के द्वारा किया गया है चाहे तालाब निजी हो सरकारी हो 1 एकड़ से 5 एकड़ तक के तालाबों का जीर्णोद्धार स्थानीय विधायक की अनुशंसा पर किया जाएगा। कृषि मंत्री ने बताया कि जिले के एश्योर्ड एरिगेशन एरिया लैंड जो 32% है उसे डीएमएफटी फंड के सहयोग से 50% आने वाले दिनों में किया जाएगा। उन्होंने बताया कि डीएमएफटी फंड से सभी पशुधन योजना के लाभुकों को मनरेगा के तहत 4,000 शेड निर्माण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है एवं इसके साथ ही 400 सोलर वेस्ड सिंचाई पंप जिले के 18 प्रखंडों में वितरित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि पश्चिमी सिंहभूम जिले में डेयरी प्लांट स्थापित करने हेतु टेक्नोलॉजी कृषि विभाग के द्वारा तथा राशि जिले के डीएमएफटी फंड से उपलब्ध करवाया जाएगा एवं यह योजना भी आपको वित्तीय वर्ष 2021-22 में देखने को मिलेगा। उन्होंने बताया कि जिले में 06 फूड प्रोसेसिंग प्लांट की भी स्थापना की जाएगी जिससे जंगल के क्षेत्रों में होने वाले कृषि उत्पादों को बेहतर आयाम दिया जा सकेगा।