– विश्व यक्ष्मा दिवस पर आयोजित किया गया कार्यक्रम
गोड्डा: सिविल सर्जन कार्यालय स्थित सभागार में विश्व यक्ष्मा दिवस के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित की गई। कार्यक्रम में सिविल सर्जन गोड्डा डॉ शिव प्रसाद मिश्रा द्वारा मुख्य अतिथि उपायुक्त भोर सिंह यादव का स्वागत पुष्पगुच्छ देकर किया गया। उपायुक्त श्री यादव, सिविल सर्जन ड शिव प्रसाद मिश्रा, डीआरसीएचओ डॉ मंटू टेकरीवाल, सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ प्रदीप कुमार सिन्हा ने दीप प्रज्वलित कर विश्व यक्ष्मा दिवस कार्यक्रम की शुरुआत की ।
कार्यक्रम में सिविल सर्जन डॉ मिश्रा ने कहा कि गोड्डा जिले में टीबी रोग से लड़ने हेतु साहियाओ का अहम योगदान है। टीबी रोग लाइलाज बीमारी नहीं है। टीबी रोग दवा खाने से ठीक हो जाता है। इसका दवा सभी स्वास्थ्य केंद्र पर नि:शुल्क दिया जाता है। उन्होंने जानकारी दी कि टीबी रोग के जांच एवं उपचार के लिए पूरे झारखंड राज्य में गोड्डा जिले को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है।
सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ प्रदीप कुमार सिन्हा ने कहा कि इस रोग की खास बात यह है कि ज्यादातर व्यक्तियों में इसके लक्षण उत्पन्न नहीं होते। यदि व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक शक्ति कमजोर हो तो इसके लक्षण जल्द नजर आने लगते हैं और वह पूरी तरह रोगग्रस्त हो जाता है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपायुक्त श्री यादव ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के सभी कर्मियों के समग्र सहयोग और मेहनत से टीबी रोग के जांच एवं उपचार के लिए पूरे झारखंड राज्य में गोड्डा जिले को दूसरा स्थान प्राप्त हुआ है। उन्होंने कहा कि टीबी के मरीजों की पहचान करना आसान है। इस रोग के निम्न लक्षण हैं: जैसे कि किसी व्यक्ति को दो हफ्ते से लगातार खांसी हो, बुखार हो, वजन में गिरावट आ रही हो, भूख न लगना, रात में तेज पसीना आना आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं। कहा कि मरीजों को डॉक्टर की सलाह पर दवा का सेवन करते रहना चाहिए। आम तौर पर कुछ मरीज बीच में ही दवा छोड़ देते हैं। इस कार्य में जन सहभागिता एवं जन सहयोग आवश्यक है। जन सहयोग से ही टीबी मुक्त भारत बन सकता है। उपायुक्त के द्वारा टीबी रोग के रोकथाम में बेहतर कार्य करने वाले 15 साहियाओं को पुरस्कृत किया गया।
मौके पर स्वास्थ्य विभाग के डीपीएम लोरेंट्स तिर्की, जिले के सहिया साथी एवं स्वास्थ्य विभाग के कर्मी मौजूद थे।