चतरा/पत्थलगड़ा। जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पत्थलगडा में वैश्विक महामारी कोरोना के इस दौर में भी विभागीय लापरवाही के कारण मुलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है। ताजुब की बात यह है कि लाखों के लागत से भले ही आलिसान भवन बना दिया गया, पर केंद्र तक पहुंचने के लिए सड़क नही है। इसके अलावे केंद्र में ना पानी की व्यवस्था है और ना ही बिजली की। ऐसे में सहज अंदाजा लगाया जा सकता है कि शौचालय की क्या स्थिति होगी। यहां तक कि विकल्प के तौर पर जनरेटर भी उपलब्ध नही कराया गया है। स्वास्थ्य कर्मियों का कहना है कि दिन में तो जैसे तैसे काम चल जाता है, लेकिन रात्रि में इमरजेंसी सेवा में कोई मरीज केंद्र पहुंचता है तो भारी परेशानी हो जाती है। वहीं केंद्र में सप्ताह में एक दिन डॉक्टर अजहर बैठते हैं। स्थनिय लोगों का कहना है कि केंद्र में मुलभूत समस्याओं को दुर कराने के प्रति स्थनिय प्रतिनिधियों ने भी कभी पहल नही कि, जिसका परिणाम है कि नए भवन बनने केे लगभग 7 वर्ष बाद भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का लाभ लोगों को नही मिल पा रहा है और भवन भी जर्ज होते जा रहा है। एक चापानल केंद्र में स्थपित है जो लंबे समय से खराब पड़ा हुआ है। यहि कारण है की लगभग 30 हजार की आवादी वाले इस प्रखंड के अधिकतर ग्रामीण झोलाछाप डॉक्टरों से इलाज करवाने को मजबूर हैं।