जामताड़ा से राजकिशोर सिंह की रिपोर्ट
जामताड़ा : दुमका रोड शिव मंदिर परिसर में स्थित भगवान चित्रगुप्त मंदिर परिसर में कायस्थ समाज के लोगों द्वारा भगवान चित्रगुप्त महाराज की पूजा अर्चना की गई।
चित्रगुप्त महाराज की पूजा विधि के अंतर्गत ऐसी मान्यता है कि चित्रगुप्त पूजा के दिन सफेद कागज पर श्री गणेशाय नमरू और 11 बार ऊं चित्रगुप्ताय नमः लिखकर पूजन स्थल के पास रखना चाहिए। इसके अलावा ऊं नमरू शिवाय और लक्ष्मीण् माता जी सदा सहाय भी लिख सकते हैं। फिर इस पर स्वाकस्तिलक बनाकर बुद्धि विद्या व लेखन का अशीर्वाद श्रद्धालू भक्तों के द्वारा मॉगा जाता है।
चित्रगुप्त पूजा का शुभ मुहूर्त
6 नवंबर शनिवार को दोपहर 1.15 मिनट से शाम को 3.25 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त बना हुआ है।
एक चौकी पर चित्रगुप्त महाराज की तस्वीर स्थापित कर अक्षत् फूल मिठाई फल आदि चढ़ाए गए। फिर एक नई कलम या कोई लेखनी जिसका उपयोग करते हो उनको अर्पित करें तथा उसकी पूजा किया गया। अब सफेद कागज पर श्री गणेशाय नमरू और 11 बार ओम चित्रगुप्ताय नमः लिख कर चित्रगुप्त जी से विद्या बुद्धि तथा लेखन का अशीर्वाद लेंण्चित्रगुप्त की पूजा करने से साहसए शौर्यए बल और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
चित्रगुप्त महाराज की पूजा विधि के अंतर्गत ऐसी मान्यता है कि चित्रगुप्त पूजा के दिन सफेद कागज पर श्री गणेशाय नमरू और 11 बार ऊं चित्रगुप्ताय नमः लिखकर पूजन स्थल के पास रखना चाहिए। इसके अलावा ऊं नमरू शिवाय और लक्ष्मीद माता जी सदा सहाय भी लिख सकते हैं। फिर इस पर स्वाकस्तिाक बनाकर बुद्धिए विद्या और लेखन का अशीर्वाद मांगें।
देवताओं के लेखपाल हैं चित्रगुप्त महाराज
चित्रगुप्त देवताओं के लेखपाल हैं और मनुष्यों के पाप.पुण्य का लेखा.जोखा रखते हैं। उनकी पूजा के दिन नई कलम दवात या लेखनी की पूजा उनके प्रतिरूप के तौर पर की जाती है।लेखनी की पूजा से वाणी और विद्या का वरदान मिलता है। कायस्थ या व्यापारी वर्ग के लिए चित्रगुप्त पूजा दिन से ही नववर्ष का आगाज माना जाता है। इस दिन व्यापारी नए बही खातों की पूजा करते है।नए बहीखातों पर श्री लिखकर कार्य प्रारंभ किया जाता है। मौके पर जिला पुलिस कप्तान दीपक कुमार सिन्हा पूर्व सिविल सर्जन डा0 अषोक कुमार सिन्हा सुजीत सरकार नरेष कुमार सिन्हा उतम कुमार सिन्हा समेत काफी संख्यॉ में श्रद्धालूगण उपस्थित थे।