बोकारो से जय सिन्हा
बोकारो: सरकार भले ही कोरोना को लेकर बरते जाने वाले पाबन्दियों पर भले ही धीरे धीरे छूट दे रही हो, लेकिन बोकारो में चलने वाले निजी विद्यालय के क्या कहने वो खुलेआम कोविड गाईड लाइन का खुल्लमखुल्ला उलंघन कर रहे है। स्कूली बसों में जहाँ बच्चों को ठूस ठूस कर स्कूल लाया जा रहा वह भी बिना मास्क के। इक्का दुक्का को छोड़ दे तो अधिकांश बच्चे बिना मास्क के नज़र आ जायेंगे। बस का यह नजारा तब है जब बस में विद्यालय की शिक्षिका भी सवार है। स्कूल के क्लास का नज़ारा भी देख लीजिए जहां छात्रों को बैठने में कोरोना का मापदंड का खुला उलंघन हो रहा है। विद्यालय में प्रवेश करने वाले छात्रों का कोई टेम्प्रेचर चेक भी नही हो रहा है। अब चलिये लापरवाही एक नज़ारा और दिखाते है। सरकारी आदेश में साफ लिखा गया है कि कक्षा 6 से 12वी तक के छात्रों के लिए ही विद्यालय खुलेगी लेकिन इस आदेश का पालन देखिए कैसे हो रहा है सरदार पटेल स्कूल में केजी के बच्चों के लिए भी स्कूल खोल दिया गया है और यह सब हो रहा ज़िला मुख्यालय में जहाँ शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अलावा आपदा प्रबंधन के अधिकारी भी कोरोना की तीसरी लहर के ख़ौफ से ज़िले को बचाने में लगे है यह विभाग कितना ततपर है ये तश्वीर उसकी हकीकत साफ बयां कर रहा है। स्कूल के प्रिंसिपल से जब हमने बात की तो पहले तो बस की कमी का बहाना बनाने की कोशिश की लेकिन जब एक के बाद एक तश्वीरें सामने आ गई तो उन्होंने सच कबूलते हुए कार्यवायी की बात कही।
वही ज़िला शिक्षा पदाधिकारी की समक्ष जब ये मामला रखा गया तो उन्होंने जाँच के बाद उचित कार्यवाही का भरोसा दिया। बच्चों को इस तरह खतरे के धकेलने में सिर्फ विद्यालय प्रबंधन ही दोषी नही है वरन वो अभिवावक भी दोषी है जो अपने नॉनिहलो को खुद विद्यालय तक पहुँचा रहे है वो भी बिना मास्क के। ज़रूरत है समय रहते स्कूल प्रबंधन सचेत हो जाय और अभिभावक भी, शिक्षा विभाग तो जाँच के बाद ही कार्यवायी करेगा तबतक कही देर ना हो जाय।