बंगाल के व्यापारियों को चुनौती देकर महिला मंडल की दीदियां होंगी माला से मालामाल
खूंटी: दीपावली में लोग अपने घर आंगन सजाते हैं। गेंदा फूल की लड़ियों से घर के दरवाजे, खिड़कियां और आसपास सजे रंग-बिरंगे फूल पर्व त्योहार में जीवटता भर देते हैं। लेकिन हम खूंटी जिले की बात करें तो यहां खेतों में गेंदा फूल का केसरिया रंग दीपावली पर्व का सूचक बन गया है। जिले में छह हजार महिला किसानों ने 12 लाख गेंदा फूल के पौधे लगाकर बंगाल के फूल कारोबारियों को टक्कर देने का काम किया है। जिले के मुरहु, खूंटी, कर्रा, तोरपा और अड़की प्रखण्ड के खाली पड़े टांड़ भूमि और बंजर भूमि में महिला मंडल की दीदियों ने गैर सरकारी संगठन प्रदान, JSLPS और जिला प्रशासन के सहयोग से 12 लाख पौधे लगाकर फुल की खेती में नया कीर्तिमान बनाया है। विगत पांच छह वर्षों से दशहरा, दीपावली और छठ पर्व में बंगाल से गेंदा फूल नहीं मंगाए जाते हैं बल्कि खूंटी के खेतों में दीदियों के उगाए गेंदा फूल अब हर दीपावली और छठ में वोकल फ़ॉर लोकल को बढ़ावा देने में जुटे हैं। खुंटी के गेंदा फूल अब जिले से बाहर अन्य जिलों में भी अपना कारोबार चलाने लगे हैं।
दीपावली के पूर्व महिला, बच्चे और युवा सभी गेंदा फूल के खेतों में फूल की तोड़ाई करते मिल जाएंगे। टोकरियों में गेंदा फूल तोड़ तोड़ कर एक जगह एकत्रित की जाती है और सुई धागा में एक एक गेंदा फूल को माला की शक्ल दी जाती है। ऐसा लगता है मानो दीपावली में घर आंगन सजने से पहले खूंटि के खेत खलिहान फूलों से सज जाते हैं।
जिला प्रशासन, प्रदान और जेएसएलपीएस की दीदियां अब मात्र 90 दिनों की गेंदा फुल की खेती से डेढ़ करोड़ का टर्न ओवर कर जिले की आर्थिक सूचकांक को बेहतर बनाने में सफल साबित हो रही हैं। कल तक जिन महिलाओं के पास बाजार हाट करने को बमुश्किल पैसे जुटते थे अब वहीं गांव की ग्रामीण महिलाएं गेंदा फूल की खेती कर बेहद प्रसन्नचित नजर आ रही हैं। गेंदा फूल की खेती ने महिला किसानों को व्यापारियों की कैटेगरी में आगे बढाने का काम किया है। महिला किसानों के उत्साह से अब जिले में दीपावली और छठ पर्व अपनी माटी में उपजी फूल की खुशबू से बेहद आकर्षक बन गयी है। फूल की खेती ने महिला किसानों के घरों को आर्थिक रूप से सजाने में कारगर भूमिका निभायी है। दीपावली में फूलों से लोगों के घर आंगन रोशन हो रहे हैं वहीं खूंटी में ग्रामीण महिला किसानों गेंदा फूल के माला से मालामाल हो रहे हैं।
महिला मंडल की सचिव मुनिया देवी कहती हैं कि शुरुवात में उन्हें गेंदा फूल की खेती की जानकारी नहीं थी। प्रदान के सहयोग से गेंदा फूल की खेती का प्रशिक्षण दिया गया और बंगाल के नर्सरी से फूल की गाछी मंगाकर महिला समूह की महिलाओं को फूल की खेती के लिए प्रेरित किया गया। जब फूल की खेती अच्छी होने लगी तो फूल से माला बनाना और बाजार तक पहुंचाने की बारीकियां भी प्रदान ने महिलाओं को सिखाया। अब खूंटी की महिलाएं गेंदा फूल की खेती से माला बनाकर बाजार प्रबंधन की कला सीखकर अपनी आमदनी दोगुनी करने में जुटी हैं। वहीं पारटोली महिला मंडल की महिला पुनी देवी, पतिया देवी, सोमारी देवी, फूलो देवी राजबाला देवी, जसवीर कुमारी ने बताया कि गांव की महिलाओं के पास घर गृहस्थी चलाने के लिए अपने कमाए पैसे रहते हैं। बच्चों की शिक्षा दीक्षा में भी इससे मदद मिलती है।
प्रदान संस्था के विजय वीरू, यश, सुखेन्दू, शशि, पिया, प्रीति, मोनालिसा, झूमा हाजरा, पौलिना समेत प्रदान के अन्य सभी सदस्य महिला किसानों की आजीविका संबंधी कार्यों को आगे बढ़ाने में जुटे हैं और प्रशिक्षण तथा तकनीकी मदद से खूंटी की महिलाएं अन्य जिलों के लिए प्रेरक बन गयी हैं। प्रदान की कविता बोदरा बताती हैं कि जिले के छह प्रखंडों में से पांच प्रखंडों में महिला मंडल की महिलाएं गेंदा फूल की खेती कर अपनी आर्थिक स्थिति बेहतर बनाने में जुटी हैं। खूंटी की पांच प्रखंडों की महिलाएं इस बार अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर के माह में लगभग एक से डेढ़ करोड़ का कारोबार सिर्फ गेंदा फूल के माध्यम से करेंगी।