रांची: आज राँची महाविद्यालय परिसर में सभी छात्रावास के छात्रों ने झारखण्ड में स्थानीयता पुनर्भाषित कराने से संबंधित सामूहिक बैठक आयोजित की गई। बैठक में छात्रावास के छात्रों के साथ ही विभिन्न जिलों से सैंकड़ों की संख्या में छात्र एवं युवा उपस्थित हुए एवं सभी ने वर्तमान सरकार के काम काज और नियत पर संदेह व्यक्त किया। सभी ने एक स्वर से कहा कि झारखण्ड मुक्ति मोर्चा को सभी आदिवासियों और मूलवासियों ने स्थानीयता को पुनर्भाषित कराने के वादे के कारण ही वोट किया और भारी मतों से जिताया। परंतु सरकार बनने के बाद से ही युवा मुख्यमंत्री कुण्डली मारकर बैठ गए हैं और चुनाव पूर्व किये गए वादे में से एक भी वादे को पूरा करने के लिए कोई भी गंभीर प्रयास प्रारंभ नही किये गए और न ही उन्हें पूरा करने की कोई मंशा दिखाई देती है। बैठक में कई जिलों से जेएमएम सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के कई युवा कार्यकर्ता भी शामिल हुए और उन्होंने भी हेमंत सरकार पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि यदि इस मुद्दे पर जेएमएम छोड़ आंदोलन करना पड़े तो वे खुद भी जेएमएम छोड़ेंगे और और कार्यकर्ताओं को साथ लेकर आंदोलन को तेज करेंगे। सभी ने एक स्वर से कहा कि इस मुद्दे पर हेमन्त सरकार के द्वारा स्थानीयता मुद्दे पर सिर्फ टाल मटोल की राजनीति की जाती रही है और इस मुद्दे को आगे की राजनीति के लिए जिन्दा रखना चाहती है। सरकार यहां के मूल निवासियों को चिन्हित करना ही नहीं चाहती है क्योंकि उन्हें लगता है कि यदि ये मुद्दा खत्म हो जाए तो सरकार दूसरे मुद्दों पर घिर जाएगी। सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि स्थानीयता को पुनर्भाषित करने के लिए सरकार के साथ वार्तालाप किया जाय और यदि सरकार नही मानती है तो जोरदार आंदोलन किया जाय और हेमन्त सरकार को बेनकाब किया जाय। उक्त बैठक में निर्णय लिया गया कि आंदोलन की गति तेज किया जाय, सभी छात्र एवं युवा संगठनों को एक मंच पर लाया जायऔर आगामी बैठक में आंदोलन की ब्यापक रणनीति बनाई जाय। उक्त बैठक में आंदोलनकारी सुनील प्रमाणिक, अधिवक्ता सुनील कुमार महतो, विमल अरविंद, प्रमोद ठाकुर, भूतेश ठाकुर, सहदेव महतो, विशाल शर्मा, अशोक विधायक, अजय महतो, तालकेश्वर महतो, एवं अन्य सैकड़ो छात्र एवं युवा सम्मिलित हुए।