पांकी से लौकेश कुमार सिंह की रिपोर्ट
मनातू: मनातू प्रखंड के मनातू नाका स्थित निवासी पारा शिक्षक हारुन अंसारी की मौत कोरोना से हो गई। श्री अंसारी काफी दिनों से बीमार चल रहे थे उन्हें कफ की शिकायत थी सांस लेने में भी प्रॉब्लम हो रहा था। उनके परिजनों ने मेदिनीनगर के शाहपुर स्थित प्राइवेट लाइफ केयर हॉस्पिटल में भर्ती करवाई।उक्त हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की भी कमी थी लेकिन मनातू के समाजसेवी वर्ग के लोगों ने उन्हें ऑक्सीजन भी उपलब्ध करवाई थी कोरोना की उन्होंने जंग जीत भी ली थी लेकिन अचानक फिर उनकी तबीयत बिगड़ गई आनन-फानन में उनके परिजनों ने रांची के सिटी हॉस्पिटल में भर्ती करवाई लेकिन बुधवार के दिन उन्होंने कोरोना से जंग को हार गए। रांची सिटी हॉस्पिटल में ही उन्होंने अंतिम सांस ली।इनकी प्रतिभा शुरू से ही समाज के लिए आंदोलनकारी रही है।पाटन प्रखंड के ग्राम सखुआ में इनकी पुरानी घर है।कुछ वर्ष पहले मनातू नाका स्थित घर बना कर अपना व्यवसाय एवं पारा शिक्षक के रूप में कार्यरत थे।इस घटना से इनके परिवार वालों सहित पारा शिक्षक संघ एवं मनातू वासियों में शोक की लहर व मर्माहत है।हिंदू मुस्लिम सहित सभी वर्गों के लोगों ने इस घटना से गहरा दुःख व्यक्त किया है।पारा शिक्षक संघ के सभी पदाधिकारियों ने झारखंड सरकार से उचित मुआवजे की मांग की है।सभी ने कहा है आखिर कब तक सरकार की गलत नीतियों के कारण पारा शिक्षक मौत की गाल में समाते रहेंगे।इन्हे कोई सुनने वाला नहीं है।सैकड़ों पारा शिक्षकों की मौत स्थायीकरण वेतनमान को लेकर हो गई है,लेकिन सरकार कब सुनेगी यह तो आने वाला कल ही बताएगा।।इनका अंतिम दाह संस्कार मनातू प्रखंड के नौडीहा पंचायत के ग्राम घंधरी कर्बलाह के पास सरकार के दिशा निर्देशानुसार एवं उनके रीति रिवाज के अनुसार होगी।