गढ़वा से नित्यानंद दुबे की रिपोर्ट
गढ़वा : जिले में विभिन्न धान क्रय केंद्रों पर प्रतिनियुक्त एफसीआई कर्मियों व पदाधिकारियों की मनमानी व अनियमितता से गढ़वा जिला प्रशासन तंग आ चुका है। गढ़वा विधायक झारखंड सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर व जिला प्रशासन के निर्देश को भी एफसीआई कर्मी धत्ता बता रहे हैं। एफसीआई कर्मियों की मनमानी से धान के खरीदारी नहीं होने पर मंत्री श्री ठाकुर ने काफी नाराजगी व्यक्त किया है। मंत्री ने साफ शब्दों में एफसीआई के पदाधिकारियों व कर्मियों पर प्राथमिकी दर्ज करने की चेतावनी दी है। मंत्री श्री ठाकुर ने कहा है कि यदि यथाशीघ्र धान की खरीदारी करते हुए एफसीआई कर्मी अपने आचरण में सुधार नहीं लाते हैं तो सभी पर प्राथमिकी दर्ज कराते हुए राज्य में इनके प्रचलन पर प्रतिबंध लगा दिया जायगा।
इस संबंध में गढ़वा जिला प्रशासन ने सख्त रवैया अपनाते हुए खाद्य सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता विभाग के सचिव को पत्र लिखकर जिले में धान अधिप्राप्ति केंद्र पर प्रतिनियुक्त एफसीआई कर्मियों व पदाधिकारियों की मनमानी व अनियमितता से अवगत कराया है। साथ ही उनके विरुद्ध प्राथमिकी के लिए अनुमति मांगी है। इस संबंध में भारतीय खाद्य निगम रांची के महाप्रबंधक की मनमानी के लिए केंद्र सरकार को प्रतिवेदित करने का भी आग्रह किया है।
इस संबंध में उपाय उपायुक्त राजेश कुमार पाठक ने विभागीय सचिव को प्रेषित आवेदन में कहा है कि जिले में कुल 14 धान अधिप्राप्ति केंद्र पर धान अधिप्राप्ति का कार्य भारतीय खाद्य निगम द्वारा किया जा रहा है। इन केंद्रों पर निगम के कर्मियों द्वारा काफी अनियमितता व लापरवाही बरती जा रही है। धन अधिप्राप्ति केंद्रों पर धान की खरीदारी नहीं की जा रही है। एफसीआई कर्मी व अधिकारी लगातार कोई ना कोई बहाना बनाकर केंद्र से गायब रहते हैं। किसानों का धान बाहर में पड़ा हुआ है। ऐसी स्थिति में जिले में खरीददारी के लक्ष्य की पूर्ति भी नहीं हो सकती है। साथ ही कभी भी कोई अप्रिय घटना भी घट सकती है। किसानों से अवैध वसूली भी किया जा रहा है। इससे किसानों में काफी आक्रोश है। सभी केंद्रों एवं संबंधित प्रखंड विकास पदाधिकारी से प्राप्त शिकायतों से निगम एवं विभाग को अवगत कराया जाता रहा है। परंतु अब तक कहीं से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इस संबंध में उपायुक्त ने कहा है कि प्राप्त शिकायतों से खाद्य सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता विभाग रांची के अपर मुख्य सचिव, अपर सचिव तथा भारतीय खाद्य निगम रांची के महाप्रबंधक को अवगत कराते हुए कार्रवाई के लिए आग्रह किया जा चुका है। परंतु अब तक धान अधिप्राप्ति केंद्रों पर पदस्थापित कर्मियों एवं पदाधिकारियों पर न तो कार्रवाई की गई और नहीं उनके आचरण में कोई सुधार आया है। ऐसी परिस्थिति में भारतीय खाद्य निगम रांची के महाप्रबंधक की भी इस मनमानी में संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता है। इस मामले में डीसी ने भारत सरकार से कार्रवाई के लिए अनुरोध किया है।