इचाक :प्रखंड क्षेत्र में लगभग गांवों में यह शिकायत मिल रही है कि मशीनों के माध्यम से डोभा का काम कराया जा रहा है।जहां गरीब किसान मजदूर अपनी रोजी-रोटी चलाने के लिए गांव से कोसों मीलों दूर शहरों में है और कोविड-19 की कहर से जूझ रहे हैं।बावजूद कुछ लाभुक अपने निजी स्वार्थ के लिए पैसो के लालच मे दिनदहाड़े जेसीबी और हिताची के माध्यम से मनरेगा के काम करवाने से बाज नहीं आ रहे हैं लाभुक। सूत्रों के मुताबिक पता चला प्रखंड के पदाधिकारी भी खुले आम मशीन लगाकर काम करवाने का निर्देश दिया गया है। शायद इसीलिए बेखौफ होकर धड़ल्ले से करवाई जा रही मनरेगा का काम. जिसे पदाधिकारियों का भी हाथ होने का अनुमान लगाया जा रहा है। दिन और रात बिना कोई पदाधिकारी या पुलिस प्रशासन की डर से यह कार्य कराए जा रहे। मशीनों से डोभा और कूप निर्माण दर्जनों की तादाद में कराया जा रहा है।अगर प्रखंड में सारे मनरेगा के कामों को गहराई से छानबीन की जाए तो पता लगेगा कि कोई भी डोभा तलाब या कुआं को मानक गहराई तक नहीं की जाती है।यहां तक की गलत भूमि प्रतिवेदन बनाकर मनरेगा का काम किया जाता है। अगर कहा जाए तो प्रखंड में मनरेगा सिर्फ एक व्यवसाय के लिए किया जाता है। यह एक जांच का विषय है क्योंकि कोरोना महामारी पूरे देश में तबाही मचाए हुए हैं सरकार को चाहिए कि गांव के ग्रामीण मजदूर मनरेगा के तहत काम कर अपने और अपने परिवार का भरण पोषण कर सके।