इटखोरी(चतरा)। जिले के इटखोरी प्रखंड अंतर्गत नवादा पंचायत के नावाडीह (कोइंडा) राजकीय माध्यम विद्यालय वर्षों से मेंटेनेंस नही होने के कारण जर्जर हो गया है। स्थिति ऐसी हो गई है कि जर्जर भवन की दीवारें जगह-जगह दरक गई हैं और बरसात में छत से पानी रिसता है। कोरोना को लेकर लगभग डेढ़ वर्ष से विद्यालय बंद है और बच्चे नही आते हैं, लेकिन जर्जर भवन की मरम्मती विभाग द्वारा नही कराई गई। ऐसे में अब विद्यालय खुलने के बाद बच्चों के पहुंचने पर ग्रामीणों व शिक्षकों को अनहोनी की डर सता रही है। यही हाल गांव के आंगनबाड़ी केंद्रों भवन का भी है। कोरोना काल में सरकारी आदेश पर लंबे समय से बंद विद्यालय भवन का मेंटेनेंस कार्य भी नहीं कराया गया, जिसके कारण और भी जर्जर होते जा रहे हैं विद्यालय के कमरे। शिक्षा विभाग भी इस ओर गंभीरता से ध्यान नहीं दे रही है। ग्रामीणों का कहना है कि कमरों के खस्ताहाल, जर्जर हो चुके छत और दीवारों से डर लगने लगा है, ऐसे में अदि विद्यालय खुलता है तो बच्चों को भेजने के लिए भी सोचना होगा। हालांकी विद्यालय में कार्यरर्त शिक्षकों का कहना है कि विद्यालय भवन के मरम्मत की मांग कई बार कर चुके है विभाग से, लेकिन इसपर पहल नही की गई। विद्यालय के प्रधानाध्यापक अमर किशोर सिंह का कहना है कि भवन जर्जर होने के कारण कई कक्षाओं का संचालन खुले में करना मजबूरी बन गया है। लंबे समय से विभाग के अधिकारियों को समस्या से अवगत कराया गया है, इसके बाद भी इसपर ध्ययान नही दिया गया। ग्रामीणों ने शिक्षा विभाग से जल्द जर्जर स्कूल भवन के मरम्मती की मांग की है।