गुमला : 26 एवं 27 मई को बंगाल की खाड़ी में उठने वाले यास चक्रवात के कारण गुमला जिले में तूफान से निपटने के मद्देनजर डीजी एनडीआरएफ एवं उपायुक्त गुमला शिशिर कुमार सिन्हा के निर्देशानुसार 9 बीएन एनडीआरएफ के 9डी इंस्पेक्टर ओपी गोस्वामी के नेतृत्व में 25 मई की देर रात 10:00 बजे एनडीआरएफ की टीम यास चक्रवात से निपटने हेतु गुमला जिला स्थित परिसदन भवन में तैनात की गई।
ज्ञातव्य है कि एनडीआरएफ की यह टीम यास चक्रवात के दौरान किसी भी तरह की आपातकाल स्थिति यथा फ्लैश फ्लड, उखड़े हुए पेड़ों को काटना तथा ध्वस्त इमारतों में फंसे हुए लोगों की खोज एवं बचाव आदि कार्यों के लिए पूरी तरह से तैयार है। ओपी गोस्वामी ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि एनडीआरएफ की टीम के पास दो रेस्क्यू बोट, ओबीएम, लाइफबुओय, लाइफ जैकेट, डीप डाइवर सेट, पेड़ इत्यादि काटने के उपकरण, ढहे हुए इमारतों में से खोज एवं बचाव संबंधी उपकरण आदि उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि बचाव अभियान के दौरान एनडीआरएफ की टीम कोविड-19 के सभी दिशा निर्देशों का पालन करते हुए बचाव का कार्य करेगी।
इंस्पेक्टर ओम प्रकाश के नेतृत्व में मुस्तैद रही एनडीआरएफ
इंस्पेक्टर ओम प्रकाश गोस्वामी के नेतृत्व में गुमला आयी एनडीआरएफ टीम तूफान से सम्भावित खतरों से निबटने को लेकर मुस्तैद है। एनडीआरएफ की पूरी एक बटालियन बिहटा पटना से गुमला पहुँचकर फिलहाल सर्किट हाउस में डटी है। इंस्पेक्टर गोस्वामी व टीम के अन्य सदस्यों ने बताया कि चक्रवाती तूफान से उत्पन्न किसी भी खतरे से निबटने को लेकर वे पूरी तरह से सजग हैं। जिला प्रशासन सम्बंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर अपनी तैयारियों को अंतिम रूप दे चुकी है। बीडीओ, सीओ समेत अन्य तमाम प्रशासनिक अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। वहीं सभी प्रकार के तकनीकी संसाधनों से लैस एनडीआरएफ की टीम हर आपात स्थिति से जूझने में सक्षम और दक्ष है। तेज आंधी पानी के कारण बिजली के खम्भे क्षतिग्रस्त होने या पेड़ों के गिरने अथवा वज्रपात या अन्य किसी भी आपात स्थिति में टीम फौरन राहत व बचाव कार्य के लिए हर सम्भव त्वरित पहल करेगी। उधर अस्पताल में कोरोना अथवा अन्य बीमारियों से जूझ रहे मरीजों की देखरेख के लिए वैकल्पिक व्यवस्था भी किया गया है।