घरवालों को रो -रोकर बुरा हाल, पुलिस भी नहीं जूता पायी कोई ठोस सबूत
ईचाक :दीपक कुमार दास का पता अब तक नहीं जुटा पाई है पुलिस प्रशासन। घरवालों को रो रो कर बुरा हाल। क्या है पूरा कहानी आइए जानते हैं? औरों की तरह दीपक कुमार दास भी एक आम जनता की तरह ही है। लेकिन इनमें कुछ खास बात भी है. जानकारी के मुताबिक बता दूं कि इचाक प्रखंड क्षेत्र के कुटुम सुकरी निवासी दीपक कुमार दास पिता श्री गुरु रविदास उम्र 30 साल अपने जीवन काल में एक अलग अंदाज से जाने जाते हैं। इन्होंने केएन हाई स्कूल के इचाक से दसवीं, जगरनाथ महतो इंटर महाविद्यालय चंदा उरुका से इंटर की पढ़ाई, मार्खम कॉलेज हजारीबाग से ग्रेजुएशन की पढ़ाई, और बिनोवा भावे यूनिवर्सिटी से एम ए की पढ़ाई पूरी की थी। दीपक के छह लोगों की छोटी सी परिवार दो भाई दो बहन और माता पिता साथ में मिलजुल कर रहते थे। दीपक कुमार दास पढ़ाई के साथ-साथ औरों से अलग काम करने में दिलचस्पी रखी पढ़ाई के दौरान हजारीबाग में कराटे, डांसिंग क्लब, और खेलकूद में भी ध्यान दिया करते थे। मतलब यह है कि इतनी तेज तरार लड़का अचानक गायब हो जाना। यह सवाल घर वालों तथा पुलिस प्रशासन को भी आश्चर्यचकित कर देती है। दिनांक 09-06-2021 को काम की तलाश में घर से बाहर निकला. शाम को वापस नहीं आने पर घर वाले एक दूसरे के यहां फोन कर जानकारी जुटाते रहे।10 तारीख को भी नहीं आने पर जानकारी जुटाने का सिलसिला जारी रहा। गांव घर और वहीं पड़ोसी तथा रिलेशन मे भी फोन कर जानकारी लेता रहा। लेकिन दीपक कुमार दास का पता कहीं नहीं चल पाया। अंत में दिनांक 11-06-2021 को इचाक थाना में एक लिखित आवेदन देकर पुलिस प्रशासन से खोजबीन करने का आग्रह किया गया। घर गांव वाले अपने हिसाब से दीपक कुमार दास के साथीयों से भी जानकारी जुटाने का प्रयास किया। लेकिन किसी को भी कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिला। इनकी गायब होने की बात किन्ही को हजम नहीं हो रही है।
इचाक प्रखंड के कुटुमसुकरी गांव निवासी दीपक कुमार दास पिता टुनु राम पिछले 7 दिनों से गायब है। इस कोरोना बीमारी में घर चलाने के लिए राजमिस्त्री का काम क्या करता था और उस दिन भी काम की तलाश में ही घर से बाहर निकला था। अशोक वैद्य इचाक मे कुछ दिन काम भी काम भी किया था। घरवालों ने सभी से अपील किया है। जहां भी मिले इन्हे वापस घर भेज देने का कष्ट करे।