खूंटी: केंद्र सरकार की कृषि कानून के विरोध में सभी गैर भाजपाई दल भारत बंद को सफल बनाने को लेकर सड़को में प्रदर्शन कर रहै हैं तो वही खूंटी में भी बंद का मिला जुला असर देखने को मिल रहा है। बंद के दौरान आज जिले में मुख्य नेताजी चौक के चबूतरे पर भाजपा और कांग्रेस का झंडा एक साथ लहरा रहा है। भाजपा और कांग्रेस का झंडा आखिर क्यों लगाया गया है इसका जवाब कोई देने को तैयार नही।
केंद्र सरकार की कृषि कानून के विरोध में सभी गैर भाजपाई दलों के कार्यकर्त्ता भारत बन्द को सफल बनाने के लिए झंडा बैनर लेकर सड़कों पर उतरे और दूकानों, व्यापारिक प्रतिष्ठानों को बन्द कराया।कल हुए मशाल जुलूस के कारण स्थानीय दूकानदारों ने दूकान बन्द रखा लेकिन खूंटी बाजार टांड़ में दूर दराज से साप्ताहिक हाट में पहुंचने वाले दूकानदार हरी साग सब्जी लेकर बाजार पहुंचे लेकिन सब्जी विक्रेता भी आनन फानन में सब्जी बेचकर वापस लौट गए।
भारत बंद के मद्देनजर खूंटी के नेताजी चौक, डाक बंगला रोड, भगत सिंह चौक समेत आसपास की सभी दूकानें बन्द रही।
गैर भाजपाई दलों ने खूंटी मेन रोड में केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। झामुमो, कांग्रेस, राजद, कम्युनिस्ट पार्टी समेत अन्य सभी।गैर भाजपाई दलों के कार्यकर्त्ताओं ने केंद्र सरकार के कृषि कानून के खिलाफ नारेबाजी की। कृषि संबंधी काला कानून वापस लो, केंद्र सरकार होश में आओ, किसानों की मांग जायज है समेत कई नारे लगाए।
बन्द को सफल बनाने के लिए झामुमो, कांग्रेस, राजद और कम्युनिस्ट पार्टी ने सामूहिक समर्थन दिया है। झामुमो जिलाध्यक्ष जुबेर अहमद, मंजीत मगन तिड़ू, शंकर सिंह मुण्डा, सुदीप गुड़िया, डॉ हेमंत तोपनो, भोला लाल, उषा धान, प्रदीप केसरी, महेंद्र सिंह मुण्डा, सनिका बोदरा, सलन ओड़ेया, अर्जुन मुंडा, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष रामकृष्णा चौधरी, सचिव सयुम अंसारी, जयप्रकाश, कालीचरण मुण्डा, सीपीआईएमएल के वीरेंद्र सिंह समेत अन्य झामुमो, कांग्रेस, राजद और अन्य विपक्ष के राजनीतिक दलों के कार्यकर्त्ता शामिल थे।