रामगढ़: छात्र युवा अधिकार मोर्चा और जय झारखण्ड का एक प्रतिनिधिमंडल रामगढ़ विधायक ममता देवी से मिला और राज्य में ओबीसी आरक्षण में बढ़ोत्तरी के साथ झारखण्ड राज्य निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवार रोजगार कानून 2021 के तहत 75 प्रतिशत स्थानीय लोगो के रोजगार को सुनिश्चित करने के संबंध में ज्ञापन सौंपा! ज्ञात हो कि राज्य की वर्तमान सरकार ने वर्ष 2021को नियुक्ति वर्ष घोषित किया है जिसके तहत 1 लाख से ज्यादा नियुक्तियों की प्रक्रिया चल रही है। 75 हजार प्राथमिक शिक्षक समेत अन्य पद हैं जो जिला सम्वर्ग के हैं जिनपर नियुक्ति होनी है ।परंतु राज्य के 7 जिलों में ओबीसी का आरक्षण शून्य है। रांची समेत 5 ज़िले हैं जिनमे ओबीसी का आरक्षण 10 प्रतिशत से भी कम है। इन जिलों में आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों की आबादी 10 प्रतिशत से कम है परंतु उन्हें 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जा रहा है।एक ओर अनुसूचित जनजाति,अनुसूचित जाति को आबादी के अनुपात में वहीं आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्ण को आबादी के अनुपात में अधिक आरक्षण दिया जा रहा है ।वहीं पिछड़े वर्ग के आरक्षण में कटौती करके बहुत कम आरक्षण दिया जा रहा है! छात्र युवा अधिकार मोर्चा के अध्यक्ष सह जय झारखण्ड केंद्रीय समन्वय समिति के सदस्य संतोष महतो ने कहा कि -संयुक्त बिहार राज्य में पिछड़ो को 27 प्रतिशत आरक्षण मिल रहा था परंतु झारखण्ड में यह घटकर 14 प्रतिशत मिल रहा है,जोकि आबादी के अनुपात में बहुत कम है।झारखण्ड में पिछड़ो की आबादी 48 प्रतिशत है परंतु कम आरक्षण मिलने के कारण शिक्षा-रोजगार के मामलों में उनका उचित हिस्सा नहीं मिल पा रहा है। राज्य सरकार की सेवाओं में पिछड़े वर्ग की भागीदारी मात्र 12 प्रतिशत है जो कि आउटसोर्सिंग आदि के कारण और कम होते जा रहा है। पिछड़े वर्ग को आरक्षण दिए बिना नियुक्तियों से आने वाले 30-35 वर्षों के लिए उन पदों से पिछड़े वर्ग के लोग वंचित रह जाएंगे। जय झारखण्ड के बिमल अरविंद ने कहा कि झारखंड में किसी भी नियुक्ति से पहले पिछड़े वर्ग के आरक्षण को बढ़ाने की मांग को लेकर सरकार पर दवाब बनाने हेतु जन प्रतिनिधियों से पहल करने के आग्रह के क्रम में रामगढ़ के विधायक से मिलकर जय झारखंड अभियान द्वारा इस संबंध में ज्ञापन सौंपा गया है.। प्रतिनिधिमंडल ने विधायक का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा बड़े पैमाने पर शिक्षकों की नियुक्ति की तैयारी चल रही है और राज्य के सात जिलों में पिछड़े वर्ग का आरक्षण शून्य है और 5 जिलों में यह 10 प्रतिशत से कम है. पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षण बढ़ाए बिना हजारों पदों पर नियुक्ति करना पिछड़े वर्ग के संवैधानिक अधिकारों का हनन होगा।. साथ ही प्रतिनिधिमंडल ने विधायक ममता देवी से यह भी आग्रह किया कि वर्तमान झारखण्ड सरकार ने झारखण्ड राज्य निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवार रोजगार कानून 2021लागू किया है जिसके तहत निजी क्षेत्र के नौकरियों में स्थानीय लोगों के लिए 75 प्रतिशत आरक्षण लागू किया गया है परंतु इस आरक्षण में भी अनुसूचित जाति,जनजाति एवं पिछड़ों के अनुपात अनुसार कोटिवार विभाजन नहीं है जो कि असमंजस की स्थिति पैदा करता है और उक्त कानून के प्रयोगिकता खत्म करता है।” छात्र युवा अधिकार मोर्चा के कृष्णा प्रकाश ने कहा कि संविधान के प्रस्तावना में ही सामाजिक न्याय का उल्लेख किया गया है और सामाजिक,शैक्षणिक दृष्टिकोण के पिछड़े वर्ग एवं समूहों को शिक्षा के क्षेत्र में विशेष सुविधाएं और शासकीय नौकरियों में आरक्षण की व्यवस्था उनका संवैधानिक मूल अधिकार है।अतः विधायक महोदया से आग्रह है कि राजनीतिक विचारधारा से परे होकर वर्तमान सरकार पर दबाव बनाने और आवश्यक पहल करने का कष्ट करें। प्रतिनिधिमंडल में मोर्चा के प्रदीप महतो, मुनिनाथ महतो,उत्तम पटवा,हेमन्त कुमार,अधिवक्ता कृष्णा चौधरी,श्रीकांत महतो,पंकज महतो,पंकज पाण्डे, तीर्थनाथ महतो,टिकेंद्र महतो मौजूद थे।