रांचीः आज चरणबद्ध आंदोलन के सातवां दिन भी झारखंड एमपीडब्ल्यू कर्मचारी संघ के आवाहन पर सभी जिले के एमपीडब्ल्यू झारखण्ड एमपीडब्ल्यू कर्मचारी संघ के नेतृत्व में सभी जिला के सभी एमपीडब्ल्यू अपनी 5 सूत्री मांगों को लेकर दिन भर भूखे रह कर अपना अपना विरोध दर्ज करते हुए इमानदारी पूर्वक अपने-अपने विभागीय कार्य को किये । झारखण्ड एमपीडब्ल्यू कर्मचारी संघ के चरणबद्ध आंदोलन के अनुसार लगातार सातवे दिन भी चरणबद्ध आंदोलन तय कार्यक्रम के अनुसार सभी जिलों मे चल रहा है लेकिन अभी तक हमारी मांगो पर विभाग या सरकार किसी भी प्रकार का ठोश निर्णय या पहल नही किया गया है जो कि विभाग और राज्य सरकार की उदासीनता को दरसाता है आंदोलन के दौरान एमपीडब्ल्यू की छती का दायित्व राज्य सरकार एवं विभाग के उच्च पदाधिकारियों की होगी।आज इस कोरोना महामारी के दौरान एमपीडब्ल्यू फ्रंट लाइन वर्कर के रूप में अपने अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे है इस महामारी में जब आदमी से आदमी दूर भाग रहा है तो ऐसे वक्त में सभी जिले के एमपीडब्ल्यू स्वास्थ्य कर्मी गांव गांव जाकर ग्रामीणों और मरीजो की सेवा एवं देखरेख कर रहे है , उसके पास जाकर उसके जांच से लेकर इलाज तक की सुविधा उपलब्ध करा रहे है इतने बड़े दायित्व के बदले एमपीडब्ल्यू का मानसिक एवं शारीरिक शोषण आज लगातार 13 वर्षो से विभाग और सरकार के द्वारा किया जा रहा है इस महंगाई के दौर में अल्प मानदेय में एमपीडब्ल्यू को कार्य करना अब असंभव होता जा रहा है और आज सभी जिलों के एमपीडब्ल्यू का उम्र लगभग 40 वर्ष के पार हो चुका है जिसके कारण उनका पारिवारिक दायित्व भी बढ़ गया है फिर भी विभाग और सरकार द्वारा संज्ञान नहीं लेना दुर्भाग्यपूर्ण है।
एमपीडब्ल्यू की नियुक्ति 2008 में हुई थी आज 13 वर्ष बीत जाने के बावजूद एमपीडब्ल्यू का विभाग में समायोजन कर नियमित नहीं किया गया है और ना ही 2016 से एमपीडब्ल्यू के मानदेय में 1 रुपये का भी बढ़ोतरी की गई है जो अति चिंताजनक है । राज्य सरकार से झारखण्ड एमपीडब्ल्यू कर्मचारी संघ मांग करता है कि अति शीघ्र एमपीडब्ल्यू को विभाग मे समायोजित किया जाए , समायोजन होने तक अविलंभ मानदेय में बढ़ोतरी की जाए , जब हम सभी के मांगों को नहीं माना जाता है तब तक एमपीडब्ल्यू का चरणबद्ध आंदोलन चलता रहेगा जिसकी दायित्व राज्य सरकार एवं विभाग के उच्च अधिकारियों की होगी। यह जानकारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष पवन कुमार ने दिया ।