रामगढ़: छोटानागपुर उच्च विद्यालय कैथा में जय झारखण्ड समिति की ओर से अन्तर-जिला झूमर प्रतियोगिता का भव्य आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में रामगढ़ बोकारो और हजारीबाग जिले के 13 झूमर कलाकारों के टीम ने हिस्सा लिया। वही 25 स्कूली बच्चों के टीमों ने भी हिस्सा लिया।कार्यक्रम में बतौरमुख्य अतिथि विधायक ममता देवी विशिष्ट अतिथि के रूप में कांके के लोकप्रिय जिला परिषद अनिल महतो टाइगर,माण्डू के जिला परिषद दुष्यंत पटेल,वार्ड 26 के पार्षद देवधारी महतो,रामगढ़ बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष धनंजय कुमार पुटुश,कोठार के पूर्व मुखिया दिनेश मुंडा और वर्तमान मुखिया जयंति देवी,दुलमी की समाजसेवी प्रीति दिवान और क्षेत्र के आंदोलनकारी अशोक नायक उपस्थित रहे । जय झारखण्ड समिति के अध्यक्ष मुनिनाथ महतो और उनके टीम के लोगो ने कार्यक्रम को पूरी तरह से व्यवस्थित बनाने में कोई कसर नही छोड़ा था,समिति के सदस्य नवनीत महतो कुलदीप महतो उर्फ कुडू दा,पनेश्वर महतो,धीरेंद्र महतो हर्षप्रीत और विश्वास पटेल ने पूरे मैदान की सुरक्षा व्यवस्था संभाली हुई थी।
कार्यक्रम के मुख्य प्रभारी प्रदीप महतो ने मंच संचालन कर पूरे कार्यक्रम के दौरन गीत-गायकी,झारखण्डी संस्कृति के इतिहास,शेरो-शायरी से समा बांधे रखा। झूमर प्रतियोगिता के जज के रूप में नागेश्वर महतो और रेवालाल पटेल उपस्थित थे।
प्रतियोगिता में प्रथम स्थान गहदम झूमर टीम लोहसींगना (मांडू प्रखंड) ने 5000 नगद,कैथा झूमर टीम,कैथा(रामगढ़ प्रखण्ड) की टीम ने द्वितीय पुरस्कार राशि 4000/- रुपये नगद और तृतीय स्थान शारदा कलाकार झूमर टीम पोट दगा (दुलमी प्रखण्ड) 3000/- नगद राशि प्राप्त किये !सांत्वना पुरस्कार के रूप में प्रत्येक टीम को 500/- दिए गए।स्कूली बच्चों के प्रत्येक टीम मेम्बर को एक-एक कॉपी और कलम दिया गया।वहीं भूतपूर्व एवं बुजुर्ग झूमर कलाकारो को समिति के तरफ से शॉल देकर सम्मानित भी किया गया
सायनाथ महतो (झूमर गायक) मोहरलाल महतो (झूमर गायक), सुखदेव महतो (ढोल वादक) सुकर महतो (झूमर नर्तक),भुनेस्वर महतो (नगाड़ा वादक),राम नाथ महतो,लक्ष्मन महतो,शोभनाथ महतो,लोकनाथ महतो, पुरन महतो,रामटहल महतो, बहाली महतो सहित 30 बुजुर्गों को सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि ममता देवी ने कहा कि प्रकृति प्रेम का प्रतीक यह त्योहार भाई बहनों के निश्छल प्यार का प्रतीक भी है।विशिष्ट अतिथि अनिल महतो टाइगर ने कहा कि झारखण्ड गीत और नृत्य आधारित संस्कृति का पर्याय है यहां के कण कण में रीझ-रंग,गान- बजान बसा हुआ है,युवा चाहे वो किसी पेशे में हो उसकी असल शोभा तब है जब वो त्योहारों में नाचना और गाना और खुशी मनाना जानता हो।कार्यक्रम के मुख्य संयोजक सह छात्र युवा अधिकार मोर्चा के अध्यक्ष संतोष महतो ने कहा कि युवा अपना करम और धरम परिश्रम को माने और किसी अन्य भरम में न रहे।सफलता का एक मात्र रास्ता परिश्रम ही है, झारखण्डी अखरा-संस्कृति को मजबूत करके ही सक्षम,सबल,स्वावलंबी युवा पीढी का निर्माण सम्भव हो पायेगा और इसके लिए युवाओं को अखरा से जुड़ना ही होगा! कार्यक्रम में मुख्य रूप से मुकेश यादव,रूपेंद्र महतो,मंतोष महतो रूपलाल महतो,अनिल मुंडा,सुधीर मंगलेश, उत्तम पटवा,रवि राज पटेल,विकास पटेल,शिव कुर्मी,राजकिशोर टाइगर,बालकिशोर महतो,प्रकाश महतो,टिकेंद्र कुमार,राजेश महतो,दिनेश महतो,प्रदीप महतो,तुलेश्वर महतो,सुरेंद्र कुमार,निरंजन कुमार,बालकिशोर,मिथुन,प्रेम कुमार आदि लोगों ने विभिन्न प्रकार से आयोजन में अपना योगदान दिया!
कार्यक्रम के अंत मे सामूहिक संकल्प लिया गया कि अगले वर्ष इस करम परब को और व्यापक और भव्य तरीके से मनाया जाएगा साथ ही साथ जय झारखण्ड समिति के द्वारा जिले में राज्य की संस्कृति और परम्परा को मजबूत करने के लिए सभी तरह के प्रयास किये जायेंगे।क्षेत्र के वैसे कलाकार जो परंपरागत नृत्य कलाओं और गायन वादन से जुड़े हैं उनको समिति से जोड़ा जाएगा और उनको नया पहचान दिया जाएगा।उनके आत्मबल को बढ़ाया जाएगा साथ ही साथ कार्यक्रम और आयोजनों के माध्यम से जिले का माहौल सकारात्मक बनाया जाएगा।जे नाची से बांची के सिद्धान्त पर युवाओं और नई पीढ़ी को गांव के अखरा से जोड़ा जाएगा!