पाकुड़ : शहर में जाम की समस्याओं से निजात पाने के लिए झारखंड सरकार के द्वारा 2013 में बाईपास सड़क निर्माण हेतु स्वीकृति दी गई थी। पाकुङ में बाईपास सड़क निर्माण स्वीकृति के उपरान्त भी अभी तक विभागीय शिथिलता के कारण यह मूर्त रूप नहीं ले पाई है।इस बावत नगर परिषद अध्यक्ष सम्पा साहा ने पथ निर्माण विभाग के सचिव सुनील कुमार को पत्र लिखा है। नगर परिषद अध्यक्ष ने बताया कि भू अर्जन के मद में छः करोड़ से अधिक राशि वितरित होने के बावजूद रैयतों को दी जाने वाली 11 करोड़ से अधिक की राशि लंबित है।फलतः भू अर्जन इस योजना के निस्तारण में एक बड़ी बाधा है।सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डीपीआर तैयार करने का कार्य 2019 के दिसंबर में प्रारंभ हुआ था लेकिन झारखंड राजमार्ग प्राधिकार इस बाबत को स्पष्टीकरण नहीं दे पा रही है।नगर परिषद अध्यक्ष सम्पा साहा के अनुसार इस बाईपास निर्माण में कुल 13 मौजा ओं का जमीन अधिग्रहण किया जाना है जिसके लिए सर्वे का कार्य सरकार द्वारा नियुक्त स्तूप कंसल्टेंट्स कोलकाता अभी तक पूरा नहीं किया है। साथ ही पाकुङ शहर के बीचो-बीच गुजरने वाली एन एच 333ए एक की संकीर्णता की ओर ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा है कि शहर के मुख्य मार्ग का आवागमन लगातार बाधित हो रहा है। अतः इस महती परियोजना के लिए विभिन्न पहलुओं पर श्रीमती साह ने पथ निर्माण विभाग के सचिव श्री सुनील कुमार का ध्यान आकृष्ट कर इस विसंगतियों को दूर करने का आग्रह कर पत्राचार किया है।