पाकुड़: बुधवार को पाकुर के सूचना भवन के सभागार में भारत का अमृत महोत्सव दांडी यात्रा के ऐतिहासिक यात्रा को स्मरण करने की एक पहल के तहत एपीडा की ओर से कृषि विभाग के सहयोग से निर्यातक/एफपीओ और किसानों की निर्यात संवेदीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे डीडीसी अनमोल कुमार सिंह, जिला कृषि पदाधिकारी मुनेंद्र दास समेत अन्य उपस्थित विशिष्ट अतिथियों के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। मौके पर मौजूद एपीडा के रीजनल इंचार्ज संदीप साहा ने कार्यक्रम के उद्देश्य की जानकारी देते हुए बताया कि झारखंड राज्य से निर्यात को बढ़ावा देने के लिए इस प्रकार का कार्यक्रम आयोजित किया जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य के किसान काफी मेहनती है और वे मेहनत कर कई प्रकार की सब्जियां ,ताजे फल ,खाद्यान्न शहद और जैविक फसल अपने खेतों में उपजा रहे हैं ।उन्होंने कहा कि किसानों के द्वारा उपजाए गए कुछ प्रमुख फसलों को अन्य देशों में निर्यात करने के बाबत जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एपीडा मुख्यता वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय भारत सरकार के तहत एक निर्यात संवर्धन संगठन है और इस संगठन का मुख्य उद्देश है झारखंड राज्य के किसान के द्वारा उपजाए गए प्रमुख फसल जिसमें भिंडी ,कटहल ,जैविक उत्पाद को विदेश में निर्यात करने को प्रोत्साहित करना। उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य की प्रमुख फसल विदेशी बाजारों में भी बीके इसको लेकर प्रयास किया जा रहा है। वही मौके पर मौजूद जिला कृषि पदाधिकारी मुनेंद्र दास, कृषि वैज्ञानिक श्रीकांत सिंह ने पाकुड़ जिला के किसानों के द्वारा उपजाए जा रहे फसलों की जानकारी देते हुए निर्यात को बढ़ावा देने पर बल दिया। कार्यक्रम में मौजूद एक्सपोर्टर व प्रगतिशील किसान के द्वारा भी कई अहम जानकारी दी गई। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डीडीसी अनमोल कुमार सिंह कहा कि पाकुड़ जिला के किसान काफी मेहनती है और यहां के किसान अपने खेतों में कई प्रकार की फसलें उगाते हैं यदि इन फसलों को निर्यात किया जाए तो इससे किसानों को काफी फायदा होगा। उन्होंने कहा एपीडा के द्वारा काफी अच्छा प्रयास किया गया है और आने वाले समय में किसानों को इससे काफी लाभ मिलेगा ।उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन हर संभव मदद करने को पूरी तरह से तत्पर है। मौके पर बीटीएम मोहम्मद शमीम, डीपीआरओ डॉ चंदन ,प्रगतिशील किसान मो0 शमशुजोहा समेत दर्जनों एक्सपोर्टर व किसान मौजूद थे।