पलामू से सुधीर कुमार गुप्ता की रिपोर्ट
मेदिनीनगर: पलामू जिले के विश्रामपुर नगर परिषद के गोदरमा गांव में एक महिला ने चार बच्चों को जन्म दिया. मगर अफसोस की बात है कि समय पर उचित इलाज नहीं मिलने के कारण सभी बच्चों की मौत हो गयी. जानकारी के अनुसार मोकिमा खातून को 12 दिन पहले गत 4 जुलाई को घर पर ही अचानक प्रसव दर्द शुरू हुआ.इस दौरान एक बच्चे का जन्म घर पर ही हुआ, जिसके बाद बेहतर सुविधा के लिए परिजनों के द्वारा उसे गढ़वा सरकारी अस्पताल में मरीज को भर्ती किया गया, जहां महिला की स्थिति को देखते हुए डॉक्टरों ने उसे मेदिनीनगर एमएमसीएच में रेफर कर दिया।मरीज के साथ एक सहिया थी, जिसने परिवार वालों को उचित इलाज का हवाला देकर विश्रामपुर के एक निजी अस्पताल आशीर्वाद हॉस्पिटल ले गयी. जहां डॉक्टरों ने महिला का ऑपरेशन किया. अस्पताल में बच्चों के केयर की कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं थी. बिना इलाज के ही नवजात बच्चों को डिस्चार्ज कर दिया, जिसके बाद सभी बच्चों की मौत चार दिनों के अंतराल में हो गयी. बावजूद सबसे पहले जन्मे बच्चे की मृत्यु सबसे बाद में हुई।मृतकों के पिता का कहना है कि यदि अस्पताल में सही सुविधा मिलती तो सभी बच्चे आज जीवित होते. पैसे नहीं देने पर महिला को आशीर्वाद हॉस्पिटल डिस्चार्ज भी नहीं कर रहा था. मजबूरन कर्ज लेकर परिजनों ने अस्पताल का बिल चुकाया.
इलाज के नाम पर परिजनों से 30 हजार रुपए लिए गए जिसके बिल भी नहीं दिया गया. साथ ही अस्पताल की पर्ची पर न तो डॉक्टर का नाम लिखा हुआ है और न ही अस्पताल का रजिस्ट्रेशन नंबर अंकित है. सर्जरी के लिए अस्पताल में मूलभूत आवश्यकताओं की भी कमी थी, बावजूद महिला का आपरेशन किया गया।