रांची। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व महासचिव व ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के डेलीगेट विनय सिन्हा दीपू ने कहा है कि विगत सात वर्षों में भाजपा के शासनकाल में महंगाई और बेरोजगारी चरम पर पहुंच गई है। केंद्र की भाजपानीत सरकार की जन विरोधी नीतियों के कारण देश की जनता त्रस्त है। बेरोजगारी दर में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है। वहीं, महंगाई का ग्राफ भी तेजी से ऊपर चढ़ता जा रहा है। डीजल-पेट्रोल और घरेलू गैस की कीमतें भी आसमान छू रही हैं
वनस्पति तेलों और खाद्यान्न की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण नहीं हो पा रहा है। इससे आम जनता परेशान है।
उन्होंने कहा कि आजादी के बाद विगत 73 साल में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपानीत सरकार देश की सबसे कमजोर और हर मोर्चे पर विफल सरकार साबित हुई है।
उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण काल के दौरान देश में विगत तकरीबन डेढ़ वर्षो से आम जनजीवन अस्त-व्यस्त है। कोरोना पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार ने अब तक कोई कारगर नीति नहीं बनाई, नतीजतन असमय लाखों लोग काल के गाल में समा गए। जीवन रक्षक दवाओं की कमी, ऑक्सीजन सिलेंडर का अभाव और अस्पतालों में बेड की कमी के कारण हो रही मौत का सिलसिला थम नहीं रहा है। इस दिशा में केंद्र सरकार की ओर से कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है।
श्री दीपू ने कहा कि मोदी सरकार ने जबरन तीन कृषि कानूनों को लोकसभा व राज्यसभा में पारित करा लिया। इसके माध्यम से मोदी सरकार अपने “पूंजीवादी मित्रों” को मदद पहुंचाने में जुटी हुई है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार-2 के दो साल पूरे होने पर भाजपा जश्न मनाने में जुटी है। वहीं, दूसरी तरफ देश की जनता कोरोना के खिलाफ जंग से जूझ रही है। इस दिशा में मोदी सरकार का ध्यान नहीं है। गैर भाजपा शासित राज्यों के साथ सौतेला व्यवहार करने आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचाने में भाजपा लगी रहती है।
उन्होंने कहा कि भाजपा शासनकाल में ठोस विदेश नीति भी नहीं बनाई गई। चीन को सबक सिखाने की बात तो दूर, लद्दाख में हमारी सीमा के भीतर अतिक्रमण से चीन को भाजपा सरकार पीछे नहीं धकेल सकी।
श्री दीपू ने कहा कि चुनावी रैलियों के दौरान भाजपा की ओर से देश के एक करोड़ युवाओं को नौकरियां देने का वादा किया गया था, लेकिन भाजपा सरकार ने युवाओं के साथ छल किया। भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार उक्त वादे को निभाने में पूरी तरह विफल रही।
उन्होंने कहा कि यूपीए के कार्यकाल के अंतिम वित्तीय वर्ष (2013-14) में रोजगार सृजन दर की तुलना में भी उपलब्धियां हासिल करने में भाजपा सरकार विफल रही है। श्रम मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई 2014 और दिसंबर 2016 के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था के आठ प्रमुख क्षेत्रों (विनिर्माण, व्यापार, निर्माण, शिक्षा, स्वास्थ्य, सूचना प्रौद्योगिकी, परिवहन और आवास और होटल-रेस्तरां) में महज 6.41 लाख नए रोजगार सृजित हुए। जबकि जुलाई 2011 और दिसंबर 2013 के बीच समान क्षेत्रों में 12.8 लाख नई नौकरियों सृजित की गई।
उन्होंने कहा कि एनडीए के सत्ता में आने के बाद से शिक्षा पर खर्च में लगातार गिरावट आ रही है। कहा गया था कि केन्द्र सरकार 2017-18 में शिक्षा पर अपने कुल खर्च का 3.71 प्रतिशत खर्च करने की योजना बना रही है। जबकि यूपीए के अंतिम वित्तीय वर्ष 2013-14 के दौरान शिक्षा पर खर्च 4.57 प्रतिशत से अधिक था।
श्री दीपू ने कहा कि भाजपा सरकार महज कागजी घोड़े दौड़ा कर अपनी उपलब्धियां दर्शाते हुए अपनी ही पीठ थपथपा रही है। जबकि हकीकत इससे कोसों दूर है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है। देश की जनता आने वाले समय में भाजपा को करारा जवाब देगी।