पाकुड़ : कोविड 19 के बीच विश्व पर्यावरण दिवस पर जिला भर के लेागों ने जागरूकता दिखाते हुये पौधारोपन किया।वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा शहर के बैंक कॉलोनी स्थित स्टेडियम में सघन पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।स्टेडियम के अलावे निकट स्थित खाली पड़ी जमीन पर फलदार इमारती एवं औषधीय पौधों का रोपण किया गया। उपायुक्त कुलदीप चैधरी, एसपी मणिलाल मंडल, जिला वन पदाधिकारी रजनीश कुमार, जिला परिषद अध्यक्ष बाबुधन मुर्मू, वन क्षेत्र पदाधिकारी अनिल कुमार सिंह ने पौधारोपण किया और लोगो से पर्यावरण को बचाये रखने के लिए पौधा रोपण की अपील की। वहीं पुलिस लाइन में भी उपायुक्त कुलदीप चैधरी, एसपी मणिलाल मंडल, जिला वन पदाधिकारी रजनीश कुमार, मुख्यालय डीएसपी समेत खेल संगठन से जुड़े सदस्य व गणमान्य लोगों ने बारी बारी से पौधारोपण किया। मौके पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुये उपायुक्त कुलदीप चैधरी ने कहा कि जल जंगल जमीन की सुरक्षा पर्यावरण संतुलन के लिए जरूरी है। अधिक से अधिक पौधरोपण किए जाने की अवश्यकता है। पौधरोपण से मिट्टी का कटाव रूकेगा। भू-गर्भीय जलस्तर ऊपर आएगा। वहीं भविष्य में लोगों को आर्थिक लाभ भी होगा। उन्होंने पर्यावरण को सुरक्षित बनाए रखने के लिए अपने आसपास पेड़ लगाने के साथ-साथ उनकी देखरेख करने की अपील की। उपायुक्त ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए आम लोगों में संवेदनशीलता व जागरूकता जरूरी है। पर्यावरण का संबंध हमारे जीवन से है। पर्यावरण हमें बहुत कुछ देती हैं। हमें भी पर्यावरण के लिए कुछ करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में पर्यावरण संरक्षण काफी जरूरी है।मौके पर मौजूद जिला वन पदाधिकारी रजनीश कुमार ने बताया कि वर्तमान में पाकुड़ के जिला स्तरीय स्टेडियम के पीछे लगभग एक हे0 क्षेत्रफल में मियावाकी तकनीकि से वृक्षारोपण कार्यक्रम की शुरूआत की गई है और वर्तमान में 130 फीट 20 फीट के क्षेत्रफल में 21 प्रजाति के 250 पौधों का रोपण किया गया, जिसमें करम, काजू, जामुन, पुत्रजीवक, गंभार, बानाहाटा, आंवला, महोगनी, बेल, अमलताश, कदम, पीपल, गुलमोहर, साल, आम, सीमल तथा अर्जुन प्रमुख हैं। इतने से छोटे से क्षेत्रफल में 1 ट्रैक्टर गाय के गोबर का कम्पोस्ट, 1 ट्रैक्टर पत्तों की खाद, 1 ट्रैक्टर धान की भूसी का प्रयोग हुआ है, तथा पौधा रोपण के उपरांत दो ट्रैक्टर धान का पुआल का प्रयोग देर शाम तक किया जायेगा।उन्होने इसके फायदे के बावत बताया कि इस तकनीकि से वृक्षारोपण करने से इन जंगलों में पक्षियों, मधुमक्खियों तथा तिलियों की भरमार होगी। इन जंगलों में छोटे-छोटे जीव जन्तु भी निवास कर पाएँगे। पक्षियों के कलर से पाकुड़ शहर गुलजार होगा। इन वनों से एकल वृक्षारोपण की अपेक्षा दस गुणा अधिक ऑक्सीजन देने तथा इसी अनुपात में प्रदूषण सोखने की छमता भी होती है। इस तकनीकि से सीखकर आने वाले दिनों में इस तकनीकि के सहारे जिले के क्रशर तथा माईंस के आस पास भी बहुत तेजी से वन लगाए जा सकते हैं, तथा नगरीय एवं औद्योगिक प्रदूषण रोकने में भी इनकी महत्वपूर्ण भूमिका है।वहीं इस तकनीकि से प्रभावित होकर, पुलिस अधीक्षक मणिलाल मंडल के द्वारा पुलिस लाईन में इस तकनीकि से वृक्षारोपण करने का प्रस्ताव वन प्रमण्डल पदाधिकारी को दिया गया। वन प्रमण्डल पदाधिकारी के द्वारा इस वर्ष आयोजित होने वाले वन महोत्सव में इस इस तरह के वन लगाने के बारे में आश्वासन दिया। मौके पर जिला एथलेटिक्स संघ के अध्यक्ष अम्लान कुसुम सिन्हा, जिला ओलंपिक संघ के महासचिव रणवीर सिंह, नारायण चंद्र रॉय , सुजीत विद्यार्थी, प्रकाश सिंह समेत अन्य उपस्थित थे।