रामगोपाल जेना
चक्रधरपुर: भजपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष पवन शंकर पाण्डेय ने चक्रधरपुर नगर परिषद पे निसाना साधते हुए कहा। नगर परिषद द्वारा किए गए कई कार्य जिसमें भ्रष्टाचार हुए हैं अनियमितता बरती गई है जिसकी एक उदाहरण सार्वजनिक शौचालय भी है। चक्रधरपुर नगर परिषद द्वारा 10 सार्वजनिक शौचालय का निर्माण कराया गया था। जिसमें प्रत्येक शौचालय की प्राकृत राशि 21 लाख 26 हजार थी। इसकी व्याख्या यह है, कि शौचालय जिस स्थान पर निर्माण हुए वहां उसका कोई उपयोग ही नहीं है इसकी जानकारी नगर परिषद द्वारा यह बताई गई, कि सभी शौचालय कार्यरत है परंतु ऐसा नहीं है। वार्ड संख्या 1 पौड़ी मंदिर के सामने वार्ड संख्या 2 पुराना बस्ती सीढ़ी घाट के सामने वार्ड संख्या 1 बलिया घाट के पास वार्ड संख्या 2 शमशान घाट के पास वार्ड संख्या 2 प्रखंड कार्यालय के पास यह सभी शौचालय बंद पाए जाते हैं वार्ड संख्या पांच में राजा बागान के पास जो नदी किनारे हैं वह धस चुके हैं मैं उसकी सूची भी समर्पित कर रहा हूं कहने का तात्पर्य यह है कि जब चक्रधरपुर मैं सार्वजनिक शौचालय की आवश्यकता ही नहीं थी तो क्यों जनता का पैसा यहां लगाया गया बर्बाद किया गया है जिसका उपयोग भी नहीं हो रहा है जब उपयोग करना ही नहीं था तो बनाया क्यों गया क्या कारण था इतनी बड़ी राशि अनावश्यक बर्बाद कर दी गई लगभग दो करोड़ 13 लाख की राशि की अनियमितता बरती गई इसकी सच्चाई से जांच होनी चाहिए ताकि हुए अनियमितता उजागर हो सके इसके साथ ही नगर परिषद परिषद में कई अनियमितता बरती गई है जो परत दर परत खुलासे होगा जैसे रूपांतरित मिनी पार्क जिसे आज देखने से अवशेष भी नजर नहीं आएगा इसकी भी जांच होनी चाहिए उक्त बातें भाजपा के पूर्व जिला उपाध्यक्ष पवन शंकर पांडे ने कही श्री पांडे ने सरकार एवं प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराते हुए सार्वजनिक शौचालय की जांच की मांग की है ताकि सच्चाई सामने आ सके।