पतरातु: आज कोरोना का संक्रमण दूसरे दौर में इतना भयावह है कि लोग कोरोना से कम भय से ज्यादा मौत हो रही है। वही चिकित्सीय व्यवस्था चरमरा सा गया है। लोग अस्पताल, बेड वेंटिलेटर, ऑक्सीजन के लिए त्राहिमाम – त्राहिमाम कर रहे हैं । वैसी स्थिति में पतरातू क्षेत्र भी अछूता नहीं है। पीटीपीएस पतरातू क्षेत्र में भी प्रतिदिन लोग इस संक्रमण से व्यवस्था के अभाव में मर रहे हैं। तथा पीवीयूएनएल प्लांट का कार्य चल रहा है इस स्थिति में आए दिन दूसरे राज्य से मालगाड़ी के साथ हजारों मजदूर काम कर रहे हैं। लेकिन पीवीयूएनएल प्रबंधन द्वारा कोरोना नियंत्रण के नाम पर कुछ भी नहीं करना प्रबंधन के लापरवाही को दर्शाता है। जबकि इसके अधीन एक पीएसटीपीपी स्वास्थ्य केंद्र है जिसमें दो वेंटीलेटर एक ऑक्सीजन कनवर्टर (पानी से ऑक्सीजन बनाने की मशीन), 12 से अत्यधिक ऑक्सीजन सिलेंडर, 30 बेड का वार्ड, 4 एमबीबीएस डॉक्टरों मे चीफ मेडिकल ऑफिसर डॉ रेनू कुमारी, डॉ अंबोज कुमार, डॉ रंजीत, डॉक्टर एक्का और डॉ सुदेश देव है। साथ ही पीएसटीपीपी स्वास्थ्य केंद्र में 3 विजिटिंग डॉक्टर जो रांची रामगढ़ से आते हैं। साथ ही बीएससी नर्सिंग, एएनएम नर्सिंग स्टाफ, ड्रेसर अन्य टेक्निकल स्टाफ एवं नर्सिंग स्टाफ मिलाकर 45 स्वास्थ्य कर्मी कार्यरत है। और स्वास्थ्य केंद्र में ईसीजी मशीन, एक्सरे व्यवस्था, खून जांच की व्यवस्था उपलब्ध है। ऑक्सीजन युक्त तीन एंबुलेंस भी उपलब्ध है। झारखंड बिजली विभाग द्वारा संचालित उक्त स्वास्थ्य केंद्र अभी पूर्णरूपेण स्थानांतरण पीवीयूएनएल को नहीं हो पाया है।
यह स्वास्थ्य केंद्र का लोकार्पण माननीय जयंत सिंहा सांसद हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री के द्वारा जनहित के लिए किया गया था। ताकि पतरातू स्थित क्षेत्र के लोगों को इस स्वास्थ्य केंद्र के द्वारा चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध की जा सके ।
भाजपा युवा नेता किशोर कुमार महतो का मांग है कि इस विकट परिस्थिति में पीवीयूएनएल प्रबंधन, जिला प्रशासन एवं सरकार को आगे आकर पीवीयूएनएल अस्पताल को कोविड अस्पताल बनाया जाए ताकि पतरातू क्षेत्र के लिए वरदान साबित हो । अगर ऑक्सीजन युक्त 30 बेड वाला कोविड केंद्र बनता है तो क्षेत्र के लोगों के लिए राहत की बात होगी। जिससे लोगों के जीवन को बचा पाएंगे।