बोकारो से जय सिन्हा
बोकारो: झारखंड विधानसभा की प्रश्न एवं ध्यानाकर्षण समिति अपने दो दिवसीय दौरे पर बोकारो पहुँची। समिति ने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत बोकारो परिसदन के सभागार में जिले के विभिन्न विभागों के साथ समिति के सभापति घाटशिला विधायक रामदास सोरेन की अध्यक्षता में बैठक कर कार्यो की समीक्षा की गई। इसमें विधानसभा में उठाये गए जिला एवं राज्य स्तरीय प्रश्नों के आलोक में विभिन्न विभागों के द्वारा किये गए कार्रवाई की समीक्षा की।
उक्त बैठक में समिति के सदस्य दशरथ गागराई, विकास कुमार मुंडा, समरी लाल एवं राजेश कश्यप साथ ही साथ बोकारो विधानसभा क्षेत्र के समस्या को लेकर बोकारो विधायक बिरंची नारायण भी मौजूद थे।
विगत बजट सत्र पर बोकारो विधायक बिरंची नारायण के द्वारा सदन मैं 19 गावो को पंचायत का दर्जा तथा विस्थापन आयोग की गठन को लेकर विस्थापित गाँव के लोगो के द्वारा समिति के सभापति रामदास सोरेन को ज्ञापन सौपा।
मांग पत्र के माध्यम से विस्थापितों ने सभापति से कहा कि बोकारो विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत बोकारो इस्पात संयंत्र से विस्थापित हुए गांव जैसे महुआर,चैता टाँड़,कुंडोरी, बैधमारा, बास्तेजी, धनगरी,मधुडीह, शिबू टाँड़,पीपरा टाँड़,चिताही, महेशपुर, आगरडीह, कनफटा, बनसिमली सहित करीब दो दर्जन गांव बस्ती है इन गांवों में लगभग दो लाख की आबादी निवास करती है हम विस्थापितों ने देश और प्रदेश के विकास के लिए अपनी जमीन को कौड़ियों के भाव मैं कारखाना लगाने के लिए सरकार को दिया था हमारे पूर्वजों ने अपनी जमीन देते वक्त एक सुनहरे भविष्य की परिकल्पना की थी परंतु बड़े दुख के साथ कहना है कि यह मात्र एक सपना ही साबित हुआ हम लोग नारकीय जीवन जीने को विवश हैं नागरिक सुविधा सहित अनेक कल्याणकारी योजनाओं का भी लाभ हमें नहीं मिल पा रहा है बड़ी विडंबना है कि हम लोग अपना सांसद विधायक तो चुन सकते हैं परंतु मुखिया और सरपंच नहीं सुन सकते हैं हमें अपना सरकारी सरकार यानी गांव की सरकार चुनने का अधिकार नहीं है हमें पंचायती राज व्यवस्था से बाहर रखा गया जो कि सरासर अन्याय है इस संबंध में हमारे तत्कालीन से वर्तमान बोकारो विधायक बिरंची नारायण ने हमें पंचायती राज व्यवस्था में शामिल कराने के लिए विधानसभा में सरकार से मांग रखी थी। हमारे पूर्वजों ने अपनी जमीन का कारखाना लगाने तथा इससे जुड़ी से व्यवस्थाओं के लिए दिया था परंतु अब तक बड़े पैमाने पर बीएसएल के अधिकृत जमीन पर अतिक्रमण हुआ है जो प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है हम चाहते हैं कि राज्य सरकार बीएसएल से गैरजरूरी अतिरिक्त जमीन वापस लेकर हम विस्थापितों को लौटाया जाए इस संबंध में भी पूर्व की सरकार में तत्कालीन से वर्तमान विधायक विंरची नारायण ने विधानसभा में प्रश्न उठाया था पूर्व के समय में यह कहा गया था कि संयंत्र के अंदर चतुर्थवर्गीय वर्ग के कर्मचारियों का पद हम विस्थापितों के लिए उचित रहेगा परंतु कालांतर में यह भी बंद हो गया आज हम में से कई विस्थापित भाई रोजी रोजगार के संकट से जूझ रहे हैं आज हमारी सुध लेने वाला कोई नहीं है विस्थापन और विस्थापित चुनावी मुद्दा सहित सदन में चर्चा का विषय जरूर आता है परंतु आज तक विस्थापन और विस्थापित के समस्या का निराकरण के लिए कोई ठोस पहल नहीं हुई झारखंड की पूर्ववर्ती सरकार रघुवर दास की सरकार में कोलयंचल के विधायकों ने विस्थापन आयोग के गठन की मांग रखी थी जिस पर तत्कालीन सरकार ने अपना समर्थन जताया । वर्तमान में भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विस्थापन आयोग गठन करने की बात कही है परंतु अब तक विस्थापन आयोग का गठन नहीं हुआ है
समिति के बैठक के उपरांत सभापति व सदस्यों को बोकारो विधायक बिरंची नारायण ने उत्तरी विस्थापित क्षेत्र के 19 विस्थापित गांव कुंडोरी, महेशपुर,पोचोरा, आगरडीह,कंचनपुर,आदि गांवों का दौरा किया और विस्थापितो से मिल उनकी समस्याओं से अवगत हुए।