गुमला : उपायुक्त शिशिर कुमार सिन्हा की अध्यक्षता में आईटीडीए सभागार में आज जिला स्तरीय समन्वय समिति की बैठक की गई। बैठक में सर्वप्रथम पूर्व बैठक (06 अगस्त 2021) की कार्यवाही की सम्पुष्टि की गई।
उपायुक्त ने बैठक में अग्रणी बैंक प्रबंधक को एजेंडावार प्रत्येक बिन्दुओं पर बिन्दुवार चर्चा का निदेश दिया। अग्रणी जिला प्रबंधक ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 के प्रथम तिमाही अप्रैल से जून तक एसीपी कुल उपलब्धि 12.25 प्रतिशत तक हुआ है। वर्ष 2021-22 में कृषि ऋण में उपलब्धि 4.68 प्रतिशत ही हो पाया है यह संतोषजनक नहीं है। उपायुक्त ने बैठक में सभी शाखा प्रबंधकों को निर्देश दिया कि किसानों के लिए केसीसी ऋण सरकार की प्राथमिकता सूची में है। अतः सभी बैंक किसानों के लिए केसीसी ऋण का प्राप्त आवेदनों को निर्धारित समयावधि में अनुमोदन कर किसानों को केसीसी की सुविधा प्रदान करें। बैठक में सीडी रेसियों, मुद्रा लोन, एसएचजी तथा प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी कार्यक्रम की भी समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान पाया गया कि जिले के कुल 73 बैंक शाखाओं मंे अब तक केसीसी (पीएम किसान) के कुल 45,830 आवेदन प्राप्त हुए है। जिसमें से विभिन्न बैंक शाखाओं द्वारा अब तक मात्र 2,083 आवेदनों को ही स्वीकृत किया गया है। 1352 आवेदन को अस्वीकृत किया गया है। अभी भी 42,395 आवेदन विभिन्न शाखाओं के द्वारा स्वीकृति हेतु लंबित है।
वित्तीय वर्ष 2021-22 में जून माह तक सीडी रेसियों मात्र 24.35 प्रतिशत रहा है। यह स्थिति जिले के लिए असंतोषजनक है। उपायुक्त ने कृषि ऋण के तहत् दूध उत्पादन, बकरी पालन, सूवर पालन आदि क्षेत्रों मंे अधिक ऋण वितरित कर सीडी रेसियों बढ़ाने का निर्देश दिया। मुद्रा लोन के अंतर्गत अब तक 261 व्यवसायों के लिए ऋण स्वीकृत किया गया है। जिसमें शिशु ऋण 84, किशोर ऋण 126 तथा तरूण ऋण 51 लोगों का स्वीकृत किया गया है। वही दूसरी ओर एसएचजी में कुल 356 ग्रुप का क्रेडिट लिंकेज किया जा सका है। सर्वाधिक इंडियन बैंक द्वारा 105, बैंक ऑफ इंडिया द्वारा 69 तथा झारखण्ड ग्रामीण बैंक द्वारा 36 समूहों का क्रेडिट लिंकेज किया गया है। उपायुक्त ने अन्य सभी बैंकों को शून्य उपलब्धि रहने पर चेतावनी देते हुए कार्य पद्धति में सुधार लाने का निर्देश दिया तथा जेएसएलपीएस के प्रतिनिधियों को शून्य उपलब्धि वाले बैंक शाखाओं के साथ समन्वय बनाकर एसएचजी का बचत खाता खुलवाने की दिशा में अग्रतर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। जिससे एसएचजी समूहों का क्रेडिट लिंकेज किया जा सके।
वित्तीय वर्ष 2021-22 में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के लिए कुल 80 लोगों को ऋण देने का लक्ष्य निर्धारित है। जिसके विरूद्ध अबतक विभिन्न बैंकों द्वारा मात्र 12 केस स्वीकृत किये गये है। बैंक ऑफ इंडिया द्वारा निर्धारित लक्ष्य 20 के विरूद्ध 04, इंडियन बैंक द्वारा 04 के विरूद्ध 03, सेंट्रल बैंक के द्वारा 02 के विरूद्ध 02, झारखण्ड ग्रामीण बैंक, स्टेट बैंक तथा एक्सिस बैंक द्वारा एक-एक केस की स्वीकृति दी गई है। जिलें में संचालित अन्य बैंकों द्वारा इस क्षेत्र में एक भी आवेदन स्वीकृत नहीं किया गया है। शून्य उपलब्धि वाले सभी बैंकों को निर्धारित लक्ष्य के अनुसार शत-प्रतिशत आवेदनों को स्वीकृत करने का निर्देश दिया है।
समीक्षा बैठक में स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान (आरएसईटीआई) गुमला के द्वारा बताया गया कि संस्थान ने अबतक कुल 223 प्रशिक्षण कार्यक्रम में 5861 लाभुकों को स्वरोजगार हेतु प्रशिक्षित किया है। जिसमें से 3486 लाभुकों ने बैंकों अपना स्वरोजगार शुरू किया है। इनमें से 1899 लाभुक स्वयं की पूंजी से तथा 1439 लाभुक बैंक ऋण से रोजगार शुरू किया है। 148 लाभुक सेवा क्षेत्र में काम कर रहे है।
आज की बैठक में उपायुक्त सहित उप विकास आयुक्त कर्ण सत्यार्थी, अपर समाहर्त्ता सुधीर कुमार गुप्ता, जिला मत्स्य पदाधिकारी दीपक कुमार सिंह, डीपीएम जेएसएलपीएस सुजीत बारी, आईडीबीआई बैंक के प्रबंधक ज्ञान भारती, इंडियन बैंक के सुरेश कुमार मिंज, बैंक ऑफ बड़ौदा के संदीप मिंज, डीडीएम नाबार्ड रवि शंकर सहित अन्य बैंकों के शाखा प्रबंधक व अन्य उपस्थित थे।