लातेहार: लातेहार जिले में उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र में रहने एवं आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को शिक्षा दिलाने के उद्देश्य से समर्थ आवाशीय विद्यालय का संचालन शिक्षा परियोजना झारखंड से की जा रही है। समर्थ नामक आवासीय विद्यालय का शुभारंभ 2018 दिसंबर माह से किया गया है। सात महीना हो चुकी है ।परंतु विद्यालय का भवन नहीं है। विद्यालय का अपना कोई शिक्षक नहीं है। समर्थ विद्यालय में 100 बच्चों की आवासीय व्यवस्था के उद्देश्य को लेकर शुरुआत किया गया है लेकिन अभी तक 64 बच्चों का नाम नामांकन विद्यालय में हुआ है। 2 छात्र एक छोटी से बेड में साथ सोते है । पानी का अभाव है। विद्यालय में सप्लायर द्वारा अच्छा समान नहीं दिया जा रहा है। विद्यालय अपने उपदेश से भटक चुकी है। समर्थ नाम है जो अभी तक असमर्थ हो चुकी। रसोईया दो है दोनों 24 घंटा विद्यालय मे रह कर के देख रेख और भोजन की व्यवस्था इन्हीं के द्वारा किया जाता है। इनका मानदेय मास्टर रोल से भी कम है। चार हजार पांच सौ रूपए मिल रहा है। विद्यालय के सफल संचालन के लिए सरकार के द्वारा निर्धारित मापदंडों को अगर ससमय पूरा किया जाए तो यह विद्यालय जिले में एक उदाहरण के तौर पर उभर कर सामने आएगा। वैसे ग्रामीण क्षेत्र में भी बच्चों के अंदर प्रतिभा कूट-कूट के भरी है उसे केवल निखारने की आवश्यकता है।हालांकि इन दिनों उपायुक्त जीशान कमर अपने पदस्थापना के बाद नेतरहाट आवासीय विद्यालय का निरीक्षण किया जिससे लोगों में आस जगी है कि आने वाले समय में इस समर्थ विद्यालय का भी उद्धार होगा।