कुंदा(चतरा) अजीत कुमार यादव। इस आधुनीक युग में भी जिले के अति उग्रवाद प्रभावित कुंदा प्रखंड अंतर्गत नवादा पंचायत की आधी आबादी सरकारी उदासीनता के कारण पगडंडियों पर आवागमन करने को मजबूर है। स्थनिय ग्रामीणों ने पंचायत के सिंदरी से बाचकूम पचंबा तक सरकारी उदासीनता से छुबद्ध होकर सभी एकजुट हो चंदा एकत्रित कर निजी खर्च से 10 अप्रैल को सड़क निर्माण का कार्य प्रारंभ किया। ग्रामीणों ने बताया कि चुनाव के दौरान बड़े-बड़े वादे और गांव के विकास के लिए स्थानीय जनप्रतिनिधियों के द्वारा सपना दिखाया गया था, लेकिन विकास के दावे सांसद, विधायक व मुखिया सभी के जुबानों तक ही सिमट कर रह गई। वहीं समाजसेवी मनोज यादव ने कहा की सभी जनप्रतिनिधियों ने ग्रामीणों के साथ धोखा किया है। आज तक सुदूरवर्ती गांव के लोग विकास से महरुम हैं। सुरेंद्र सिंह भोक्ता, नागेश्वर सिंह भोक्ता, सूरजदेव गंझु, आमका गंझु, बसंत सिंह भोक्ता आदि ने बताया कि बीमार व महिलाओं को प्रसव के समय में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। अस्पताल तक पहुंचने के लिए लगभग डेढ़ किलोमीटर नाला पार करना पड़ता है तब जाकर पक्की सड़क पर पहुंचते हैं। बरसात के दिनों में आवागमन पूर्णतः बाधित हो जाता है। ग्रामीणों ने बताया कि थक हार कर निजी खर्च व श्रमदान से सड़क बनाया जा रहा है।