रांचीः पहली से आठवीं तक का क्लास खोले जाने का प्रस्ताव आपदा प्रबंधन को देने से पूर्व शिक्षा साक्षरता विभाग झारखंड सरकार को स्कूल प्रबंधन व अभिभावकों से सुझाव लेनी चाहिए थी। साथ ही विभाग को नौवीं से बारहवीं तक के क्लास जो चलाए जा रहे थे इसकी समीक्षा करना जरूरी था तब वह प्रस्ताव तैयार करते तब वह अभिभावक छात्र एवं स्कूल प्रबंधन के हित में होता। उक्त बातें झारखंड अभिभावक संघ के अध्यक्ष अजय राय ने कही ।
उन्होंने कहा कि सरकार के पूर्व के आदेश के तहत 9वीं से लेकर 12वीं तक का क्लास स्कूलों ने शुरू किया मगर वहां उपस्थिति 30% भी नहीं हो पा रही है जो चिंता का विषय है इन परिस्थितियों में छात्र ना ऑनलाइन क्लास सही तरीके से कर पा और ना ही ऑफलाइन क्लास में वह उपस्थित हो पा रहे हैं ऐसी स्थिति में छात्रों का भविष्य दाव पर लगा हुआ है जो काफी गंभीर विषय है। अजय राय ने कहा कि उन्होंने कई स्कूल प्रबंधन से इस संदर्भ में चर्चा की जिसमें यह सारी बातें सामने आ रही है ।
उन्होंने कहा कि सरकार को राज्य के सभी जिलों में अपने नोडल पदाधिकारियों के माध्यम से स्कूल प्रबंधन अभिभावकों के बीच बैठक आयोजित कर सुझाव लेना चाहिए तभी कोई भी प्रस्ताव आपदा प्रबंधन के पास भेजा जाना चाहिए । वर्तमान परिस्थितियों में सरकार या स्कूल अभिभावकों को वह विश्वास दिला पाने में विफल हैं जिसमें उनके बच्चे स्कूल में सुरक्षित रह पाए । इन परिस्थिति में कोई भी अभिभावक अपने बच्चे की जान को जोखिम में डालकर स्कूल भेजना मुनासिब नहीं समझ रहे हैं जिसका ही यह परिणाम है कि क्लास नौवीं से बारहवीं तक में उपस्थिति का प्रतिशत काफी कम है। वहीं तीसरी लहर की बात समाचार पत्रों में देखकर अभिभावक पशोपेश में हैं।
अजय राय ने कहा कि हर अभिभावक चाहता है अपने बच्चों को स्कूल भेजना ताकि उनका भविष्य खराब ना हो पर सरकार की ओर से अभी तक कहीं कोई सकारात्मक प्रयास देखने को नहीं मिला जिसको देखते हुए अभिभावक अपने बच्चे को स्कूल भेज सकें।