हाल बालूमाथ प्राथमिक चिकित्सा केन्द्र का
प्रमेश पाण्डेय
बालूमाथ: आखिर किस से कहंे महिला मरीज अपने मन की बात, जब कोई महिला डॉक्टर ही नहीं है बालूमाथ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द में। साल बीतने को है पर किसी को महिलाओं के स्वास्थ्य की चिंता ही नहीं है। सरकार विकास के बड़ बड़े दावे तो कर देती है, पर विकास आखिर कहां हो रहा है, यह देखने की बात है। विकास का मतलब स्वास्थ्य, बिजली, पानी और सडक से किया जाता है। विकास की बात तब बेईमानी हो जाती है जब विकास के नाम पर छलावा किया जाता है। बालूमाथ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का हाल यह है कि पिछले साल महिला डॉक्टर अमूल्य गुलाब लकड़ा का तबादला हो गया, पर उनके जाने के बाद प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में किसी अन्य महिला डॉक्टर की प्रतिनियुक्ति नहीं की गई। अब सवाल यह उठता है कि महिला मरीज पुरुष डॉक्टरों से आखिर खुलकर कैसे अपनी समस्या बताये। ऐसे में महिला मरीजों को समुचित ईलाज कैसे संभव है। बालूमाथ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में रोजाना सैकड़ों की संख्या में महिला मरीज अपना ईलाज कराने के लिये आती हैं, पर पुरुष डॉक्टरों के सामने खुलकर अपनी बात नहीं रख पाती है। प्रसव कराने वाली महिलाओं को भी काफी परेशानी होती है। थोड़ी सी परेशानी आने पर मरीज को रेफर कर दिया जाता है। दिन में तो प्रसव में मरीज के परिवार को दिक्कत नहीं होती है, लेकिन रात्रि के वक्त उन्हें काफी संकट झेलना पड़ता है।