विजय कुमार की रिपोर्ट
मेहरमा : मेहरमा एवं ठाकुरगंगटी प्रखंड के विभिन्न क्षेत्रों में महाशिवरात्रि का पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया। गुरुवार को सुबह से ही सभी मंदिरों में भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया, हालांकि कोरोना को लेकर भक्तों ने मास्क लगाकर पूजा अर्चना किया और मंदिरों में भोले बाबा के जयघोषों से गुंजायमान रहे। शिव भक्तों ने पवित्र गंगा जल से विभिन्न शिव मंदिरों में जलाभिषेक कर सुखद जीवन की कामना किया। बताया जाता है कि मानव जीवन के कल्याण के लिए भगवान शिव के निराकार से साकार रूप में आने की रात्रि महाशिवरात्रि है। यह प्रत्येक वर्ष में फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी को देशभर में धूम-धाम से मनाई जाती है। इस वर्ष 11 मार्च की अर्धरात्रि को निशीथ काल में भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना, अभिषेक किया किया गया। इस दिन शिवयोग के साथ-साथ धनिष्ठा नक्षत्र एवं मकर के चंद्रमा का विशेष योग भी रहा। इस योग में व्रत, पूजन, अर्चना, अभिषेक करने से भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है और मनोवांछित फल मिलते हैं। मगर कई तिथियों जैसे उदयात् तिथि, मध्याह्नव्यापिनि, प्रदोष व्यापिनि, निशीथव्यापिनि तिथि आदि में से महाशिवरात्रि पर्व को निशीथ व्यापिनि तिथि में मनाने की मान्यता है। यानी फाल्गुन मास की कृष्ण चतुर्दशी की रात्रि को यह पर्व मनाया जाता है। जानकार व विद्वानों का मानना है कि प्रत्येक मास की कृष्ण चतुर्दशी पर शिवरात्रि होती है और शिवभक्त प्रत्येक कृष्णचतुर्दशी का व्रत अभिषेक अर्चन इत्यादि करते हैं।