खूंटी: उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने से अब तक झारखंड के 15 मजदूरों की मौत हो गई। इस हादसे में मारे गए पांच मजदूर खूंटी जिला के रनियां थाना क्षेत्र के बलंकेल गांव के रहने वाले हैं। हादसे की सूचना सोमवार को गांव पहुंची, तो पांचों परिवार के साथ-साथ पूरा गांव गम में डूब गया। अब तक 13 मजदूरों की पहचान हो गई है और तीन मृतकों की पहचान की जा रही हैं। रनिया थाना के थानेदार गांव पहुंचे और परिजनों से मुलाकात कर कहा कि झारखंड सरकार चार्टर्ड प्लेन से सभी मृतक मजदूरों का शव लेकर आएगी।
चमोली ग्लेशियर हादसे में खूंटी के 5 मृतक मजदूरों के नाम हैं – बलंकेल गांव के रहने वाले नियारण कंडुलना, पौल कंडुलना, डेविड कंडुलना, सागेन कंडुलना और मसीहदास मड़की।
इधर जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा से खूंटी जिला प्रतिनिधि मनोज कुमार ने इस मसले टेलीफोनिक बातचीत की। बातचीत के बाद केंद्रीय मंत्री ने उत्तराखंड सरकार से मृतकों के पार्थिव शरीर जल्द से जल्द झारखण्ड के खुंटी भेजने और झारखंड सरकार के मुख्य सचिव से इस मसले पर मृतक के आश्रितों को दी जाने वाली सुविधाएं दिलाने का आश्वासन दिया है।
चमोली में हुए हादसा में गांव के बूढ़े बाप बेनियामीन कंडुलना ने दो बेटे नियारण कंडुलना, पॉल कंडुलना को खो दिया है, एक बूढ़ी मां सुशीला कंडुलना के बेटे सागेन कंडुलना की भी मौत हो गई है। वहीं एक महिला इस हादसे में अपना पति खो दिया है.बेनियामीन कंडुलना के पुत्र नियारण कंडुलना और पॉल कंडुलना, दोनों भाई अपनी और बहनों को पढ़ाना चाहते थे और धूमधाम से उनकी शादी कराना चाहते थे इसलिए दोनों भाई उत्तराखंड में काम के लिए गए थे लेकिन कुदरत को यह मंजूर नहीं हुआ।
रनिया के थानेदार रौशन सिंह ने परिजनों से मुलाकात की है। थानेदार ने चमोली के जिलाधिकारी से बात कर बताया कि सभी मजदूरों के शवों को झारखंड सरकार चार्टर्ड प्लेन से झारखंड लेकर आएगी। मौके पर बीडीओ संदीप भगत ने मृतकों के परिवारों को चावल और अन्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए पदाधिकारियों को निर्देशित किया है। बीडीओ ने बताया कि विपदा की इस घड़ी में पीड़ित परिवारों को किसी तरह की परेशानी नहीं होने देंगे। रनिया थाना प्रभारी ने बताया कि रनिया क्षेत्र से 13 युवक काम करने के लिए उत्तराखंड गए थे, जिसमें पांच युवकों की मौत हो गई, इसके साथ ही दो युवक लापता है, जिनकी तलाश की जा रही है।