– पथ निर्माण विभाग की कार्यशैली चर्चा का विषय
गोड्डा से अभय पलिवार की रिपोर्ट
गोड्डा: पथ निर्माण विभाग की कार्यशैली चर्चा का विषय बना हुआ है। गुणवत्ता विहीन सड़कों का निर्माण कराने वाले पथ निर्माण प्रमंडल, गोड्डा में ‘अंधेर नगरी चौपट राजा’ वाली उक्ति चरितार्थ हो रही है। विभाग में व्याप्त अंधेर गर्दी के कारण एक कर्मी को निर्धारित तिथि के 4 माह बाद रिटायर किया गया।
दरअसल, पथ निर्माण प्रमंडल, गोड्डा में अनुसेवक पद पर कार्यरत ओंकार नाथ यादव को जन्म तिथि के हिसाब से 30 अप्रैल 2021 को रिटायर हो जाना चाहिए था। लेकिन विभागीय कार्य संस्कृति का आलम यह है कि उन्हें 31 अगस्त को सेवानिवृत्ति दी गई। जाहिर है, श्री यादव ने अवकाश ग्रहण करने की तिथि के बाद और 4 माह सेवा दी और वेतनमान का लाभ उठाया।
इस अनियमितता के लिए अवकाश ग्रहण करने वाले कर्मी से अधिक विभागीय कार्यपालक अभियंता एवं उनके अधीनस्थ कर्मी जिम्मेवार हैं। निर्धारित तिथि के 4 माह बाद सेवानिवृत्त होने वाले कर्मी ओंकार नाथ यादव कहते हैं कि उन्हें विभाग ने सेवानिवृत्त किया ही नहीं तो वह क्या करते? विभाग ने सेवानिवृत्त करने की चिट्ठी उन्हें दी ही नहीं।
वहीं विभागीय कार्यपालक अभियंता मुन्नालाल स्वीकार करते हैं कि श्री यादव ने अवकाश ग्रहण की निर्धारित तिथि से 4 माह अधिक काम किया। उन्होंने कहा कि यह एक मानवीय भूल है। लेकिन इसके लिए जिम्मेवार विभागीय कर्मी के खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।
सवाल उठता है कि विभाग के मुखिया कार्यपालक अभियंता क्या कर रहे थे? क्या उन्हें इस बात की जानकारी नहीं रखनी चाहिए कि उनके कार्यालय के कौन कर्मी कब रिटायर होने वाले हैं? इन सवालों के प्रति वह मौन साध लेते हैं।