कामिल की रिपोर्ट
बसंतराय: स्माइल फाउंडेशन अब एक ऐसा नाम बन चुका है जिससे लोगों की उम्मीदें व आशाएं जुड़ सी गई है पिछले साल जब कोरोना जैसी बड़ी आपदा लोगों के लिए एक समस्या बन के आई तो , ऐसे में स्माइल फाउंडेशन नाम की एक संस्था लोगों के लिए एक मसीहा स्वरूप सामने आए और चाहे वह स्वास्थ्य के मामले में हो या फिर वह राशन पानी का मामला हो हर मोड़ पर हर कदम पर इनके टीम के मेंबर नजर आएं रात के बारह बजे हो या मई की कड़कती धूप इन लोगों ने जो जन भावना लोगों के लिए दिखाई है कहीं से इन्हें भुलाया नहीं जा सकता है यह काम तो सरकार और स्थानीय जनप्रतिनिधियों को करना था लेकिन जब ऐसे लोग कान में तेल डालकर सो गए तो ऐसे में कुछ युवाओं द्वारा इस फाउंडेशन के जरिए मदद का काम शुरू किया गया धीरे धीरे शुरुआत में एक छोटा सा फाउंडेशन था महज इस महामारी में लगातार डॉक्टरों की टीम भी स्माइल फाउंडेशन के साथ लगातार कदम से कदम मिलाकर चलती रही
इस भयंकर महामारी में जब कोरोना गांव में अपने पैरों को पसार रहा था तो दूर बैठा एक डॉक्टर लोगों के लिए दिन रात चिंता में लगा रहता था हम बात कर रहे हैं डॉक्टर सैफुल इस्लाम की जिन्होंने रांची के राजेंद्र प्रसाद इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस से एम बी बी एस किया है और वह गोड्डा जिले से ही ताल्लुक रखते हैं इनके बदौलत ही आज इस टीम के द्वारा लगातार लोगों को स्वास्थ्य सेवा देना संभव हो पाया है।
अब जबकि स्माइल फाउंडेशन का कारवां धीरे धीरे गोड्डा भागलपुर बांका तक अपना पांव पसार चुका है अब जबकि इस टीम का कारवां घर-घर तक अपनी पहुंच बना रहा है इस टीम के द्वारा प्रत्येक पंचायत में एक सदस्यों के द्वारा जो लोग अस्वस्थ महसूस कर रहे हैं उन्हें विशेषज्ञ डॉक्टर की देखरेख में या तो घर पर ही इलाज कराया जा रहा है ज्यादा क्रिटिकल पर उन्हें अस्पताल में एडमिट करवाया जाता है जिनमें स्माइल फाउंडेशन की टीम के सदस्य लगातार मरीज के संपर्क में लगे रहते हैं
आए दिन सोशल मीडिया पर लोगों के द्वारा जरूरतमंद लोगों के लिए गुहार लगाई जाती है। ऐसी ही जानकारी जब स्माइल फाउंडेशन को लगती है बिना देर किए इस टीम के मेंबर जरूरी राशन के सामान और दवाइयों के साथ घर तक पहुंचने का काम करती है। ऐसा ही आज एक और किस्सा देखने को मिला जब गोड्डा जिले के बसंतराय प्रखंड के रूपनी गांव में पिछले दिनों मोहम्मद उस्मान की तंगहाली के वजह से इलाज ना कर पाने के कारण मृत्यु हो गई थी। और वह अपने पीछे दो बेटियों को और अपनी पत्नी को छोड़ गए थे। अब जबकि इस घर में कोई कमाने वाला नहीं है। रमजान का महीना चल रहा है कुछ दिनों में ईद आने वाली है ऐसे में स्माइल फाउंडेशन द्वारा उनके घर पर जाकर राशन की जरूरी सामान टीम के द्वारा मुहैया कराया गया जहां स्माइल फाउंडेशन की टीम जब स्वर्गीय उस्मान के घर पहुंची जो रुपनी के रहने वाले थे जब टीम के सदस्यों की नजर उनके घर के दीवारों पर पड़ी तो एकाएक आंख धुंधली सी हो गई मामला यह था की घर में रहने के लिए माथे के ऊपर कुछ चंद लकड़ी और बॉस का ताबूत से बना हुआ था और उस पर चंद पुवाल का टुकड़ा डाल दिया गया था अब जबकि ऐसा लग रहा हो की मानो वह तूफान का इंतजार कर रहा है। बस एक तूफान आए और पूरा आशियाना उड़ा ले जाए इस टीम द्वारा गोड्डा उपायुक्त महोदय बसंतराय प्रखंड विकास पदाधिकारी से आग्रह है कि एक बार स्वर्गीय उस्मान के घर आकर अपनी उपस्थिति जरूर दर्ज कराएं। जिससे आपको भी यह पता चले की यह परिवार किस तंगहाली का दंश झेल रहा है।
स्माइल फाउंडेशन के सदस्य मोहम्मद तौसीफ आलम का लोगों से अपील है। कि आप सभी जिस भी इलाके में जिस क्षेत्र में रह रहे हैं आप अपने समाज में अभी दुनिया जिस महमारी से जूझ रही है इनको बिल्कुल नजरअंदाज ना करें और जितना हो सके आप अपने अगल-बगल अगर कोई अस्वस्थ महसूस कर रहे हैं या पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे हैं तो हमारी टीम से आप बिना देर किए संपर्क करें
मौके पर स्माइल फाउंडेशन के सदस्य तफज्जुल आजाद आलमगीर आलम गुलजार हुसैन फिरदोस अख्तर खुश्तर आलम आदि मौजूद थे।