विकास के लिए बेहतर शांति व्यवस्था जरूरी: एसपी
हज़ारीबाग़ : उपायुक्त भुवनेश प्रताप सिंह ने कहा कि समृद्ध राज्य का निर्माण गांव के विकास पर निर्भर करता है। किसी भी जनहित सी जुड़ी योजना की सफलता इसी पर निर्भर है कि उस योजना का लाभ समाज के अंतिम पायदान पर रह रहे व्यक्ति तक पहुुंचे। ग्रामीण क्षेत्रों के पिछड़ेपन का मूलभूत कारण ग्रामीण जनता के द्वारा उनके हक के लिए बनी सरकारी योजनाओं एवं नीतियों से नावाकिफ रहना है। जानकारी के अभाव में लोग अपने हक का इस्तेमाल नहीं कर पाते। ऐसी स्थिति में त्रिस्तरीय पंचायती राज के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का फर्ज बनता है कि वे लोगों को उनके लाभ की सरकारी योजनाओं का फायदा दिलायें एवं ग्रामीण स्तर पर योजनाओं को धरातल पर प्रभावी ढंग से उतारा जा सके। वे मंगलवार को स्थानीय नगर भवन में आयोजित 14वें वित्त आयोग के अन्तर्गत पंचायती राज के तहत चल रही योजनाओं की एक दिवसीय जिला स्तरीय कार्यशाला को सम्बोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि जल संचयन आज वक्त की मांग है। जल है तभी मानवता का भविष्य है। पशु-पक्षी, जानवर, वन्यप्राणी, पर्यावरण संतुलन के लिए जल संचयन बेहद जरूरी है। 1 जुलाई से 15 सितम्बर, 2019 तक चलने वाले जल शक्ति कार्यक्रम की रूपरेखा स्पष्ट करते हुए उन्होंने सभी जनप्रतिनिधियों का आह्वान किया कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में इसकी मिसाल दें ताकि देश के अन्य क्षेत्रों के लोग भी उनका अनुकरण करें। उन्होंने कहा कि इस अभियान को जन आन्दोलन का रूप देने के लिए स्थानीय स्तर पर लोगों का उन्मुखीकरण करने में मुखियागण कोई कसर नहीं छोड़ें। इस अभियान में बेहतर कार्य करने वाले व्यक्तियों को सम्मानित किया जाना है। अतएव जिला प्रशासन द्वारा जारी किये गये गूगल एप्प ‘‘जल शक्ति से जन शक्ति’’ (एप्प का गूगल लिंक (https://docs.google.com/forms/d/e/1FAIpQLScug0Ni19V-MzOMsdb2xiotBLdq0DrOs89pl-NeWpn7kfW_lg/viewform) से अधिक से अधिक लोग जुड़कर वृक्षारोपण एवं जलसंचयन के कार्यक्रमों का विवरण, फोटो/विडियो अपलोड करें ताकि यह अभियान जन आन्दोलन का स्वरूप ले सके।विकास के लिए शिक्षा को जरूरी बताते हुए उन्होंने सभी मुखियागणों से अपेक्षा की कि वे विद्यालय के बच्चों की नियमित उपस्थिति एवं मिड-डे मील कार्यक्रम का अपने स्तर से निरीक्षण करें। इसके अलावे स्थानीय सरकारी चिकित्सा केन्द्रों में डॉक्टरों एवं पारा मेडिकल्स की उपस्थिति भी सुनिश्चित करायें।कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए पुलिस कप्तान मयूर पटेल ने कहा कि विकास के लिए बेहतर शांति व्यवस्था जरूरी है। ऐसे कई उदाहरण हैं जहां आपसी सहमति से छोटे-मोटे विवादों का निबटारा कर लिया गया और थाने-पुलिस की कोई जरूरत नहीं पड़ी। स्थानीय निर्वाचित जनप्रतिनिधि/मुखिया यदि चाहें तो आपसी सौहाद्र बनाये रखने में वे बेहतर भूमिका का निर्वाह कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आजकल सोशल मीडिया पर अफवाह फैलने से समाज में कई भ्रांतियां फैल जाती हैं, जो सामाजिक समरसता को नुकसान पहुंचाती हैं। यदि किसी मुखियाजी को ऐसा कोई दृष्टांत मालूम हो तो तत्काल इसकी सूचना स्थानीय पुलिस को दें ताकि स्थिति को नियंत्रण में रखा जा सके।उप विकास आयुक्त विजया जाधव ने 14वें वित्त आयोग के अन्तर्गत चल रही योजनाओं सोलर आधारित जलमीनार, पेबर्स ब्लॉक पथ निर्माण, एलईडी स्ट्रीट लाईट, जल संचयन, मनरेगा एवं प्रधानमंत्री आवास योजना के मूलभूत तत्वों को रेखांकित करते हुए स्थानीय तौर पर उनके कार्यान्वयन में मुखियागणों की मुखिया पर विस्तृत रूप से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान के तहत जिन लोगों का भी शौचालय निर्माण छूटा है उनको सूचिबद्ध करते हुए नियत समय में निर्माण पूर्ण करायें। वहीं गांवों में ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन के विभिन्न पहलुओं से उन्होंने जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के अन्तर्गत बारिश के मौसम में चल रहे स्वास्थ्य अभियानों को रेखांकित करते हुए उनकी सफलता के लिए जनप्रतिनिधियों का योगदान उन्होंने जरूरी बताया। इसी प्रकार उन्होंने समेकित महिला एवं बाल विकास कार्यक्रमों में भी उनकी भागीदारी पर बल दिया।कार्यशाला में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी मिथिलेश झा ने समेकित बाल विकास परियोजना के कार्यक्रमों, जिला शिक्षा पदाधिकारी लुदी कुमारी एवं जिला शिक्षा अधीक्षक इन्द्रभूषण सिंह ने शिक्षा संबंधी कार्यक्रमों, सिविल सर्जन डॉ. कृष्ण कुमार ने चमकी बुखार, डॉ. वंदना ने ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यक्रमों, निदेशक डीआरडीए ने आम बागान लगाने की योजना एवं जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने उज्जवला योजना पर प्रकाश डाला।इस मौके पर सहायक समाहर्ता समीरा एस, अपर समाहर्ता प्रदीप तिग्गा सहित विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय पदाधिकारी, बीडीओ/सीओ, मुखिया एवं पंचायत सदस्य एवं पंचायत सचिव बड़ी संख्या में उपस्थित थे।